पुलिस विभाग में प्रमोशन के लिए किया फर्जीवाड़ा

कानपुर पुलिस विभाग में प्रमोशन के लिए फर्जीवाड़ा करने का अपनी तरह का पहला मामला सामने आया है। तीन कांस्टेबलों ने पुलिस मुख्यालय में तैनात एक लिपिक (दरोगा) से मिलीभगत कर सर्विसबुक से वे पन्ने ही गायब करा दिए, जिसमें इनके अच्छे और खराब कार्यों का ब्योरा होता है।

इन तीनों का नाम प्रमोशन की सूची में शामिल हुआ, तो जांच बैठी। डीसीपी ने चारों को निलंबित करते हुए कांस्टेबलों पर न्यूनतम वेतनमान की कार्रवाई की है। वहीं, लिपिक पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। उसे नोटिस भेजा गया है। वर्ष 2023 में कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल की प्रमोशन सूची जारी होनी थी।

गोपनीय विभाग ने ऐसे लोगों की सूची बनाई। इस सूची में महिला कांस्टेबल प्रतिमा राजपूत, कांस्टेबल अश्वनी बाथम व डिस्पैच विभाग में मुंशी पद पर तैनात कांस्टेबल युगराज के नाम भी शामिल थे। हालांकि, इन तीनों कांस्टेबलों का सर्विस रिकॉर्ड पदोन्नति के काबिल नहीं था। इसके चलते इन लोगों ने पुलिस मुख्यालय में तैनात लिपिक दरोगा देवेंद्र मौर्य की मदद से सर्विस बुक से बैड एंट्री के पन्ने हटवा दिए थे।
चारों पुलिसकर्मियों को एक माह पूर्व निलंबित कर दिया था

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने मामला संज्ञान में आने के बाद चारों पुलिसकर्मियों को एक माह पूर्व निलंबित कर दिया था। विभागीय जांच में भी दोषी पाए गए, तो कांस्टेबलों पर तीन साल की न्यूनतम वेतनमान की कार्रवाई की गई। वहीं लिपिक को बर्खास्त किया जा सकता है।
सर्विस बुक से पेज नंबर 77 किया गया गायब

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने चारों पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच एडिशनल डीसीपी महिला अपराध अमिता सिंह को सौंपी थी। जांच में सामने आया कि गोपनीय विभाग में तैनात लिपिक दरोगा देवेंद्र मौर्य ने तीनों पुलिस कर्मियों की सर्विस बुक (चरित्र पंजिका) के पेज नंबर 77 को गायब कर दिया था। इसमें बैड एंट्री समेत सर्विस रिकॉर्ड का डाटा था।

सर्विस रिकॉर्ड से छेड़छाड़ घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। लिपिक देवेंद्र सिंह ने तीनों पुलिस कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड से पन्ने गायब किए थे। उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। उसे नोटिस भेज दिया गया है। तीनों सिपाहियों को तीन साल के न्यूनतम वेतन की सजा सुनाई गई है।

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