
यूनिक समय, नई दिल्ली। देश में आज से ‘वन स्टेट, वन आरआरबी’ (One State, One RRB) नीति औपचारिक रूप से लागू हो गई है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय ने 11 राज्यों में कार्यरत 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Banks – RRBs) के एकीकरण की अधिसूचना जारी की। यह क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय की प्रक्रिया का चौथा चरण है, जिसके बाद अब देश में आरआरबी की कुल संख्या 43 से घटकर 28 रह गई है।
किस राज्यों में हुआ विलय?
अधिसूचना के अनुसार आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में आरआरबी को एक इकाई में समाहित कर दिया गया है। यह एकीकरण क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23ए(1) के तहत किया गया है।
प्रमुख विलय
आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को मिलाकर आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश: बड़ौदा यू.पी. बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यू.पी. ग्रामीण बैंक का एकीकरण उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के रूप में हुआ, जिसका मुख्यालय लखनऊ में रहेगा और प्रायोजन बैंक ऑफ बड़ौदा करेगा।
पश्चिम बंगाल: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को मिलाकर पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक बनाया गया है।
बिहार: दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय कर बिहार ग्रामीण बैंक बनाया गया है, जिसका मुख्यालय पटना में होगा।
गुजरात: बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक के एकीकरण से गुजरात ग्रामीण बैंक का गठन किया गया है।
शेष छह राज्यों (जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान) में भी दो-दो आरआरबी को मिलाकर एक-एक नई इकाई बनाई गई है।
सभी नवगठित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए अधिकृत पूंजी 2000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। ‘वन स्टेट, वन आरआरबी’ का उद्देश्य बैंकिंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना, संचालन में पारदर्शिता लाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को और बेहतर करना है।
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