पश्चिम बंगाल : नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद हंगामा और बढ़ गया है। जहां पूर्वोत्तर में कई हिंसक घटनाएँ हो रही है वहीं अन्य राज्यों में भी इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश सरकार का भी कहना है कि वे अपने राज्य में इस कानून को लागू नहीं करेंगे वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि सभी के लिए यह कानून मानना अनिवार्य है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बड़ी धमकी दी है।
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ दीदी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को ‘विभाजनकारी’ राजनीति करने वाली पार्टी बताया। कैब के विरोध में आयोजित रैली में उन्होने कहा कि हम इसे अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे। हम कैब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे। हमने हमेशा दलितों एवं गरीबों की मदद की है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि कैब के विरोध में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थल से 16 दिसंबर को एक रैली निकाली जाएगी। यह रैली गांधी प्रतिमा वाले मायो रोड से होती हुई जोरसांको थुरबारी तक जाएगी।
दीदी ने आगे कहा कि कानून को लागू करने का काम राज्य सरकार का है। संसद से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित कर और इसे कानून का जामा पहना कर केंद्र हम पर इसे मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होने आगे कहा कि हम कैब या एनआरसी को देश को बांटने की इजाजत नहीं दे सकते। मैं कभी सांप्रदायिक रास्ता नहीं चुनूंगी। हमारे विरोध प्रदर्शनों में सभी लोगों का स्वागत है। तृणमूल हमेशा से कैब और एनआरसी के खिलाफ रहा है। हम कभी भी बंगाल में कैब और एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।भाजपा अपने प्रचंड बहुमत का गलत इस्तेमाल कर रही है जो सही नहीं है। हम पूर्वोत्तर के भाई-बहनों का समर्थन करते हैं। हम उनके समर्थन में शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे। राज्यों की भावना के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। असम जल रहा है। लोगों को विरोध करना चाहिए। हम जेल जाने से घबराने वाले नहीं हैं।
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