देश- प्रदेश में जहां 21 वीं सदी में भी बेटियों को बोझ समझा जाता है। वहीं बाल-विवाह, लड़कियों की अशिक्षा जैसी कई कुरीतियों के बीच राजस्थान के नागौर में एक मिसाल पेश कर दी गई है। जी हां बात कर रहे हैं नागौर जिले के कुचेरा क्षेत्र के गांव निम्बड़ी चांदावता की। इस गांव में एक सामान्य किसान परिवार ने अपने घर में जन्मीं बेटी ऐसा जश्न मनाया कि आप भी इसे जानकर हर्षित हो जाएंगे। कोरोना संकट काल में बेटी के सम्मान की यह खबर अनायास ही आपको भी गौरवान्वित महसूस करवाएगी।
दरअसल नागौर के किसान मदन लाल प्रजापत के घर 35 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ, जो उनकी पोती सिद्धी है। इसी जन्म की खुशी को पूरे परिवार ने अनूठे अंदाज में मनाया है। मिली जानकारी के अनुसार बेटी को अपने ननिहाल से हेलिकॉप्टर में घर लाया गया है। इतना ही नहीं यहां हेलीपैड से लेकर घर तक रास्ते में गांव वालों ने बच्ची के सम्मान में फूल बिछाए । इसके लिए बाकायदा 10-12 दिन पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं।
उल्लेखनीय है कि पोती के स्वागत के लिए दादा मदनलाल ने कोई कोर- कसर ना छोड़ने का फैसला लिया। लिहाजा उन्होंने अपनी फसल बेचकर 5 लाख रुपये जुटाए । साथ ही इसी रकम से हेलिकॉप्टर का भी इंतजाम किया।
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