
कोरोना की मार से पहले से मुसीबतों का सामना कर रहे लोगों के लिए ब्लैक फंगस एक नई आफत बन टूटी है। म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। इस साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान औरंगाबाद शहर में इस ब्लैक फंगस की चपेट में 201 लोग आ चुके हैं। औरंगाबाद नगर निगम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
विशेषज्ञों की कोर कमेटी बनाई गई
आंकड़ों से पता चलता है कि जिन लोगों ब्लैक फंगस का संक्रमण है उनमें से अधिकांश मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी हैं। इस ब्लैक फंगस की चपेट में आने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि आंकड़े जुटाने का काम अब भी जारी है। औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नीता पडलकर ने रविवार को कहा कि कोविड रोगियों के बीच म्यूकरमाइकोसिस की चुनौती से निपटने के लिए विशेषज्ञों की एक कोर कमेटी बनाई गई है। “पैनल में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के ईएनटी विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक और नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। ये विशेषज्ञ गंभीर मामलों में म्यूकरमाइकोसिस के उपचार के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।”
स्टेरॉयड के इस्तेमाल से पनपी बीमारी
पडलकर ने बताया कि ऐसे कोविड मरीज जिन्हे डायबिटीज की भी बीमारी है और ऐसे रोगियों के बीच स्टेरॉयड का इस्तेमाल के चलते म्यूकरमाइकोसिस पनप रहा है. यही इस बीमारी के तेजी से फैलने का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से डायबिटीज पीड़ित कोरोना पीड़ितों के लिए स्पेशल गाइडलाइंस प्रोटोकॉल जारी होने की उम्मीद कर रहे हैं। इसी तरह से म्यूकरमाइकोसिस मरीजों के इलाज के लिए भी अलग से प्रोटोकॉल जारी होने की उम्मीद कर रहे हैं।
Leave a Reply