मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का आज जन्म दिन है। इस मौके पर फैन्स उन्हें जन्म की शुभकामनाएं दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी लता मंगेशकर को जन्म दिन की बधाई दी है।
लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में पहली बार साल 1942 में आई मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में गाना गाया था। बॉलीवुड के साथ-साथ फिल्मी करियर में अब तक वह अनगिनत गानें गा चुकी हैं। कुदरत ने लता दीदी को ऐसा आवाज से नवाजा है कि उनके गाने आज के दौर में भी मशहूर है। चाहे नए हो या पुराने सुनने में हमेशा एक अलग ही आनंद मिलता है।
28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। अपनी आवाज से जादू बिखेरने वालीं लता आम से लेकर ख़ास लोगों के दिलों पर राज करती है. आज भी उनकी आवाज़ का जादू लोगों के दिलों में कायम है. लता दीदी के यादगार गानों को हर पीड़ी ने सराहा है. हिंदीं सिनेमा के साथ दिलों पर राज करने वाली दिग्गज गायिका लता मंगेशकर साल 2001 में ‘भारत रत्न’ से नवाजा जा चुका है. लता दीदी को पद्म भूषण (1969) ,पद्म दादा साहब फाल्के अवार्ड (1989) , और पद्म विभूषण(1999) से भी सम्मानित किया जा चुका है। हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित फ़िल्मों में से एक ‘मुग़ल ए आज़म’ के ‘प्यार किया तो डरना क्या’ आज भी लोगों के जुबां पर चढ़ा हुआ है। फिल्म ‘आंधी’ का गाना ‘तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा’ लता मंगेशकर के बेहतरी गानों से एक है। लोगों का ऑल टाइम गाना ‘लग जा गले’, ‘वीर ज़ारा’, ‘रंग दे बसंती’, और ‘लकी- नो टाइम फॉर लव’ जैसी फ़िल्मों में गाने गाए हैं। संगीत की दुनिया की असल मायने में लता दीदी का कोई मुकाबला नहीं है।
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