ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस को छोड़ने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के करीब 10,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिये हैं और कई पदाधिकारी त्यागपत्र दे सकते हैं। यह दावा मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के पद से इस्तीफा देने वाले पंकज चतुर्वेदी ने किया है। उन्होंने सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, मध्यप्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि सिंधिया के समर्थक अन्य नेताओं पर कांग्रेस छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं।
सिंधिया के कट्टर समर्थक समझे जाने वाले चतुर्वेदी ने कहा कि सिंधिया जी के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके प्रति आस्था जताने वाले मध्यप्रदेश कांग्रेस के करीब 10,000 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिये हैं। ये इस्तीफे राज्य स्तर से ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारियों के हैं और कल सुबह से लेकर आज शाम तक दिए गए हैं। इनमें कुछ कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया, ”जल्द ही कई अन्य कांग्रेसी पदाधिकारी भी अपने पदों से त्यागपत्र देंगे। चतुर्वेदी ने कहा कि गुना, सागर, अशोक नगर, ग्वालियर, इंदौर, शिवपुरी एवं कुछ अन्य जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि सिंधिया के समर्थक पार्टी के नेताओं को इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इतने बड़ी तादात में पार्टी के पदाधिकारियों ने इस्तीफे नहीं दिये हैं।
सलूजा ने बताया, ”जिस किसी ने भी इस्तीफा दिया है, उसने सिंधिया समर्थकों के दबाव में दिया है। वे पार्टी के नेताओं पर दबाव बना रहे हैं। यदि सिंधिया इतने प्रसिद्ध थे तो वह पिछले साल गुना लोकसभा सीट से चुनाव क्यों हार गये थे? उन्होंने कहा कि सिंधिया को भाजपा में कुछ दिन बिताने के बाद ही जल्द अपनी नेतृत्व के बारे में असलियत का पता चल जाएगा।
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