अमित शाह का नागरिकता कानून खत्म करने को लेकर आया बड़ा बयान, बढ़ेगी हलचल

दिल्ली में एक बार फिर नागरिकता कानून को लेकर बवाल बढ़ा है. सीलमपुर में जिस प्रकार से पत्थर लेकर उग्र भीड़ सड़कों पर उतरी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. इन तमाम मसलों के बाद अब अमित शाह के बयान ने माहौल को गरमा दिया है…

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में तीव्र विरोध जारी है। देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का हुजूम कानून व्यवस्था की मुश्किलें खड़ी कर रहा है। इन तमाम स्थितियों के बाद भी केंद्र सरकार इस मामले में कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कानून को भंग करने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। लोगों को गुमराह कर विरोध-प्रदर्शन कराने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता लेने का कोई सवाल ही नहीं है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।




अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून नेहरू-लियाकत समझौते का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि यह नेहरू-लियाकत समझौते का हिस्सा था। लेकिन, 70 साल से लागू नहीं हुआ, क्योंकि आप वोट बैंक बनाना चाहते थे। हमारी सरकार ने संधि को लागू किया है और लाखों और करोड़ों लोगों को नागरिकता दी है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की राष्ट्रीयता मिले और वे सम्मान के साथ देश में रहें।




इस बीच राजधानी दिल्ली में मंगलवार को ताजा हिंसा देखने को मिली है। इसमें प्रदर्शनकारियों ने कई मोटरसाइकिलों को आग लगा दी। पुलिस पर पथराव किया और पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सार्वजनिक बसों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी सीलमपुर से जाफराबाद की तरफ मार्च कर रहे थे। सीलमपुर चौक पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। जामिया मिलिया इस्लामिया के पास दक्षिण दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स इलाके में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के दो दिन बाद झड़पें हुईं।

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