भाजपा के लिये बुरी खबर: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सर्वे ने बिगाड़ा खेल

भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव मे पूरी ताकत झोके हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे पार्टी लगातार जनता के संपर्क मे हैं। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा की राह आसान नहीं होने वाली है। एक चुनावी सर्वे ने भारतीय जनता पार्टी की राह मुश्किल होती बतायी है। चुनावी सर्वे मे आम आदमी पार्टी की सरकार फिर से बनने की बात सामने आयी है। इस सर्वे मे केजरीवाल को सबसे योग्य और पसंदीदा मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया गया है। आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों ने नाम तय कर दिये हैं। भाजपा भी जल्द अपनी सूची जारी कर सकती है।

आईएएनएस-सीवाेटर के सर्वे में यह सामने निकलकर आया है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल 67.6% लोगों की पसंद हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अब तक दिल्ली मे मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का भी नाम आगे नहीं बढ़ाया है। लेकिन 11.9% दिल्ली के वासी चाहते हैं कि डॉक्टर हर्षवर्धन सीएम बनें। इस चुनावी सर्वे के मुताबिक, 54.6% लाेग दिल्ली में आम आदमी पार्टी और 57.1% लाेग केंद्र में भाजपा सरकार के पक्ष में हैं। वहीं 27.3% लोग चाहते हैं कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी चाहिए। जबकि, 3.7% कांग्रेस की सरकार चाहते हैं।

महाराष्ट्र से आई भाजपा के लिए बुरी खबर शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने फिर कर दिखाया कमाल…भाजपा को…

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के बाद शिवसेना कांग्रेश और एनसीपी ने सरकार बना ली थी जिसके बाद से लगातार शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच 86 जोड़ी ने जमकर कमाल कर दिखाया है भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र के अंदर बड़ा नुकसान होता दिख रहा है हाल ही में हुए निकाय चुनाव में भी महाराष्ट्र के अंदर भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है महाराष्ट्र के अंदर शरद पवार उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ा रखी हैं.

बीजेपी को पटखनी देते हुए महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस के महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने एक और सफलता हासिल की है। प्रदेश के तीन जिलों में इस गठबंधन ने स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की।

लांजा नगर पंचायत (रत्नागिरी), कन्हन पीपरी म्युनिसिपल काउंसिल (नागपुर) और गडचंदूर म्युनिसिपल काउंसिल (चंद्रपुर) की कुल 51 सीटों में से शिव सेना ने 17, कांग्रेस ने 14 और एनसीपी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी को 11 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इन तीनों स्थानीय निकायों में 17 सदस्यों का सदन है।

लांजा में शिव सेना ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की, जिनमें अध्यक्ष पद भी शामिल है। जबकि बीजेपी ने तीन, कांग्रेस ने दो और निर्दलीयों ने तीन सीटें दर्ज कीं। कन्हन पीपरी में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा, उसने सात सीटें जीतीं। बीजेपी को छह, शिव सेना को तीन सीटें मिलीं। हालांकि यहां पर भी अध्यक्ष पद की सीट उद्धव ठाकरे की पार्टी के खाते में गई। गडचंदूर में कांग्रेस और सेना के खाते में 5-5 सीटें गईं। एनसीपी ने चार और बीजेपी ने दो सीटें जीतीं। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई। यहां पर अध्यक्ष पद कांग्रेस ने जीती।

इन नगरपालिका परिषद में नौ जनवरी को चुनाव हुए थे जबकि शुक्रवार को परिणाम घोषित हुए। इसके अलावा तालेगांव डाभाडे, भुसावल, नांदूरा और कलमेश्वर नगर पालिका परिषद में भी गुरुवार को उप चुनाव हुए। बीजेपी ने नागपुर की कलमेश्वर सीट, कांग्रेस ने बुलधाना की नांदूरा सीट और जलगांव की भुसावल सीट पर एनसीपी ने जीत दर्ज की। तालेगांव निर्दलीय के खाते में गई।

राज्य में छह नगर निगम परिषद में हुए उप चुनावों के परिणाम भी इसी तरह सामने आए। एनसीपी और सेना ने नासिक में दो सीटें जीतीं, जेडीएस ने मालेगांव में जीत दर्ज की। बीजेपी को नागपुर और पनवेल में, कांग्रेस को लातूर और शिव सेना को मुंबई में जीत मिली।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*