नई दिल्ली. भारतीय कप्तान विराट कोहल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज शुरू होने से पहले ही थकान की बात कहकर इशारों-इशारों में अत्यधिक क्रिकेट की ओर ध्यान आकर्षित किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीलंका के खिलाफ टी20 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के बीच में महज चार ही दिन का अंतराल था, जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज खत्म होते ही चार दिनों के भीतर ही टीम को न्यूजीलैंड में टी20 सीरीज खेलनी पड़ी. ऑस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड वॉर्नर ने भी अत्याधिक क्रिकेट की वजह से टी20 फॉर्मेट से संन्यास लेने का मन सा बना लिया है. इतना ही नहीं, अब आईसीसी ने साल 2023 से लेकर 2031 तक के क्रिकेट कैलेंडर में नए टूर्नामेंट का प्रस्ताव कर दिया है. ऐसे में अत्यधिक क्रिकेट से क्रिकेटर चोटिल भी हो रहे हैं और उन्हें थकान का भी सामना करना पड़ रहा है.
आईसीसी के नए टूर्नामेंट के प्रस्ताव पर क्रिकेट बोर्डों ने साफ नहीं किया रुख
आईसीसी के नए प्रस्ताव में हर साल महिला और पुरुषों का बड़ा टूर्नामेंट आयोजित कराया जाएगा. वैसे अभी इस मुद्दे पर भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विस्तृत विचार सामने नहीं आए हैं. हालांकि ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, अब फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव टॉम मोफ्फाट ने सवाल उठाए कि आईसीसी के प्रस्तावित टूर्नामेंट पूरी तरह से व्यवसायिक हितों पर आधारित हैं. अगर आईसीसी का प्रस्ताव मूर्त रूप ले लेता है तो फिर ये क्रिकेट के खेल पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा होगा, क्योंकि इससे अधिकतर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि फिर हर साल दस टीमों का बड़ा टूर्नामेंट चैंपियंस कप होगा. इसके अलावा वर्ल्ड कप, टी20 लीग और द्विपक्षीय सीरीज भी होंगी. ऐसे में अधिकतर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर लुभावनी टी20 लीग का रुख कर सकते हैं, जैसा कि पहले भी होता रहा है.
संतुलन बैठाना बेहद जरूरी
मोफ्फाट का ये भी मानना है कि आईसीसी का दस टीमों की मौजूदगी और 48 मैच वाला नए टी20 चैंपियंस कप का प्रस्ताव वर्ल्ड कप की अहमियत भी कम कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह ऐसा किया जा रहा है उस पर हम सवाल उठा रहे हैं. बिना वैश्विक कार्यक्रम को देखे क्रिकेट कैलेंडर में नए टूर्नामेंट जोड़ना बिल्कुल भी मददगार नहीं है. बेशक नए टूर्नामेंट्स के अलावा दुनियाभर में खेली जा रहीं लीग और द्विपक्षीय सीरीज को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कैसे एक-दूसरे के साथ संतुलन बैठाया जा सके.’ उन्होंने साथ ही कहा कि आईसीसी और क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों के साथ बैठकर ऐसा कोई योजना क्यों नहीं बनाती, जिससे सभी पक्ष सहज महसूस कर सकें.
देश बनाम क्लब
टॉम मोफ्फाट ने साथ ही कहा, ‘इस खेल की भविष्य की दिशा इसी बात पर तय होगी कि खिलाड़ी क्लब और देश में से क्या निर्णय लेते हैं. बावजूद इसके नए टूर्नामेंट के प्रस्ताव को लेकर खिलाड़ियों से कोई बात नहीं की गई है. हमने आईसीसी के प्रस्ताव की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर खिलाड़ियों से बात की है, लेकिन इस पर विस्तृत चर्चा सारे पहलू समझने के बाद किया जाएगा. खिलाड़ियों के विचारों को गंभीरता से लेने की जरूरत है.’ बता दें कि चैंपियंस कप के वनडे फॉर्मेट में 6 टीमें खेलेंगी और इसमें 16 मैच होंगे, वहीं टी20 चैंपियंस कप में 10 टीमें हिस्सा लेंगी और इसमें कुल 48 मैच खेले जाएंगे.आईसीसी ने दिया है चैंपियंस कप का प्रस्ताव
आईसीसी ने पिछले साल अक्टूबर में चैंपियंस कप (ICC Champions Cup) का प्रस्ताव रखा था, जिसके मुताबिक 2024 और 2028 में टी20 चैंपियंस कप होगा, वहीं 2025 और 2029 में वनडे चैंपियंस कप खेला जाएगा. चैंपियंस कप के अलावा 2026 और 2030 में टी20 वर्ल्ड कप और 2027 और 2031 में वनडे वर्ल्ड कप भी खेला जाएगा. सिर्फ पुरुष क्रिकेट में ही नही महिला क्रिकेट में भी चैंपियंस कप (ICC Champions Cup) खेला जाएगा. 2023 और 2027 में महिला वनडे चैंपियंस कप और 2024 और 2026 में महिला टी20 चैंपियंस कप का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा 2025 और 2029 में महिला वर्ल्ड कप, 2026 और 2030 में महिला टी20 वर्ल्ड कप भी होगा.
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