नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी और आखिरी रैली द्वारका में की। हालांकि, यहां भी गृह मंत्री अमित शाह के फोटो नजर नहीं आए। इससे पहले सोमवार को कडक़डड़ूमा में हुई रैली में भी अमित शाह की फोटो नहीं दिखी थी। भाजपा ने नई प्रचार नीति के तहत यह फैसला लिया है। इसके अंतर्गत रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के फोटो ही नजर आ रहे हैं। रैली के दौरान सुरक्षा इंतजाम बेहद सख्त थे। हर मीडियाकर्मी और आम लोगों के बैग चेक किए गए। वीआईपी जोन में कुछ कुर्सियां खाली थीं। पुलिस इन पर लोगों को बिठाती नजर आई।
आधे भाषण में खाली होने लगा पंडाल
मोदी का भाषण आधा ही हुआ था कि लोग पंडाल छोडक़र जाने लगे थे। कुछ लोगों का कहना था कि वे प्रधानमंत्री को देखने आए थे। भाषण में उनकी कोई रुचि नहीं थी। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मोदी ने चार रैलियां की थीं। तब भाजपा ने 70 में से सिर्फ 3 सीटें जीती थीं। इस बार सिर्फ दो रैलियां कीं। रैली स्थल पर जो पोस्टर-बैनर लगाए गए थे, उनमें मोदी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी। नड्डा और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ही दिखे।
रैली के पहले द्वारका सेक्टर 14 डीडीए ग्राउंड के आसपास की सभी दुकानों को बंद करा दिया गया। करीब 100 मीडियाकर्मी रैली कवर करने आए। इनके बैग भी चेक किए गए। तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी। मेटल डिटेक्टर्स सभी जगह लगाए गए थे। जिन लोगों को वीआईपी पास दिए गए थे, उन सभी के पास दिल्ली भाजपा की ओर से केसरिया पगड़ी दी गई थीं।
पंडाल के अगले हिस्से में वीआईपी जोन बनाया गया था। इनमें कई कुर्सियां खाली थीं। दिल्ली पुलिस इन पर लोगों को बिठाती नजर आई। रैली में आने वालों का ढोल-नगाड़ों से स्वागत किया गया। कार्यकर्ता बसों में लोगों को लाते देखे गए। रैली स्थल के आसपास की इमारतों पर हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात थे।
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