नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए खाना बनाने के लिए एक बार इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल को लेकर नया तरीका निकाला है। अब इस बचे तेल से बायोडीजल बनाने की तैयारी है। दरअसल कूकिंग ऑयल एक बार इस्तेमाल होने के बाद फिर सेहत के लिए हानिकारक होता है. इसीलिए इसके नए यूज को लेकर सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (HPCL, BPCL, IOC) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम अब यूज हो चुके कुकिंग ऑयल से बने बायोडीजल खरीदेंगी. इसको लेकर कंपनियों ने कई बड़े शहरों में कुकिंग ऑयल से बने बायोडीजल को खरीदने के लिए 10 अगस्त से एक प्रोग्राम की शुरुआत की है।
आपको बता दें कि वर्ल्ड बायोफ्यूल दिवस है. खाना पकाने के इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल के इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा होता है.
सरकार ने शुरू की नई योजना- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पहल की शुरुआत कर दी है. अब यूज हुए कुकिंग ऑयल को जमा करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च की गई है.
होटल और रेस्टोरेंट अपने यहां ऐसे स्टिकर लगाएंगे, जिसमें लिखा होगा कि वे बायोडीजल बनाने के लिए इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल की सप्लाई करते हैं.
इसके तहत सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां यूज हुए कुकिंग ऑयल से बायोडीजल के लिए प्लांट लगाने की इच्छुक प्राइवेट कंपनियों से बोलियां मंगाएंगी.
इसके बाद ये कंपनियां बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर की तय दर से खरीदेंगी. दूसरे साल में उसे बढ़ाकर 52.7 रुपये और तीसरे साल में 54.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा.
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