बदलाव: दसवीं में गणित विषय को लेकर सीबीएसई बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2019-20 शैक्षिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सीबीएसई ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में कई छात्रों में गणित में कम अंक मिलने का डर देखते हुए उन्हें गणित के प्रश्न पत्र में बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प दिया जाएगा। नए पाठ्यक्रम में छात्रों के पास दसवीं में मैथ पढ़ने के दो विकल्प होंगे। जो छात्र ग्यारहवीं-बारहवीं में मैथ नहीं लेना चाहते उनके लिए बेसिक मैथ का विकल्प होगा जबकि, आगे की कक्षाओं में मैथ का विकल्प चुनने वाले छात्रों के पास स्टैंडर्ड मैथ का विकल्प होगा। इसी के अनुरूप प्रश्न पत्र मिलेगा।
सीबीएसई की ओर से दसवीं के छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ का विकल्प दिए जाने का सबसे अधिक लाभ ग्यारहवीं और बारहवीं में मैथ के बजाय बायो, कामर्स अथवा मानविकी लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगा। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो का कहना है कि ऐसे छात्र दसवीं में बेसिक मैथ पढ़कर दूसरे विषयों की बेहतर तैयारी कर सकेंगे। वहीं, दसवीं में स्टैंडर्ड मैथ पढ़ने वाले को गणित पर अधिक समय देना होगा। बताया कि बच्चों को इसके लिए अलग से पढ़ाना नहीं पड़ेगा। बोर्ड परीक्षा के दौरान उन्हें बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ के अलग-अलग प्रश्नपत्र डिमांड के आधार पर दिए जाएंगे।
गणित के विशेषज्ञ का कहना है कि सीबीएसई ने शिक्षकों को ऐसी शिक्षण तकनीक पर काम करने को कहा है, जिसमें कमजोर और अच्छे, दोनों तरह के बच्चे एक साथ बराबर स्तर पर टॉपिक समझ सकें। वहीं सीबीएसई ने शिक्षकों को कमजोर बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने के लिए भी कहा है। बोर्ड का मानना है कि इससे बच्चों के परीक्षा परिणाम और बेहतर हो सकेंगे। वहीं शिक्षक भी पूरा ध्यान बच्चों पर देंगे।
सीबीएसई ने नौंवीं कक्षा के छात्रों को आर्टिरफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) को छठे वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ने का विकल्प दिया है। बोर्ड का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का यह फैसला नई पीढ़ी को और अधिक संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से किया गया है। सीबीएसई की ओर से इसके साथ ही प्रारंभिक शिक्षा में नए सत्र से खेलकूद के साथ योग को एक विषय के रूप में जोड़ा गया है। बोर्ड की ओर से नए पाठ्यक्रम में बच्चों के संपूर्ण विकास की बात की गई है। अब बच्चों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा में योग को नए विषय के रूप में पढ़ना होगा।

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