रिसर्च में हुआ खुलासा: मौत के एक साल बाद तक शरीर में होती रही हरकत!

नई दिल्ली। किसी को नहीं पता कि मौत के बाद क्या होता है? लेकिन ये एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है. मौत से जुड़े सवालों को सुलझाने की कोशिश हर वक्त चलती रहती है. दुनिया में इस पर कई तरह के शोध हुए हैं। मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश हर दौर में चलती रही है।

मौत से जु़ड़ा एक रिसर्च हाल ही में आस्ट्रेलिया में हुआ है. इस रिसर्च ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. इस रिसर्च के दावे पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन शोधकर्ताओं ने बाकायदा इसके सबूत दिए हैं.

Dead bodies keep moving for more than a year after death research says

आस्ट्रेलिया के नए रिसर्च से पता चला है कि मौत के बाद भी डेडबॉडी (deadbody) में मूवमेंट होती है और वो भी कुछ पलों और कुछ दिनों के लिए नहीं बल्कि सालभर तक. रिसर्च के नतीजे पर यकीन करना मुश्किल लगता है कि दावा यही किया जा रहा है.

शोध में खुलासा हुआ है कि मौत के एक साल बाद तक डेडबॉडी खिसकती रहती है. एक टीम ने बाकायदा इस पर साल भर तक रिसर्च किया. रिसर्च के नतीजे के मुताबिक ह्यूमन बॉडी मौत के एकसाल बाद तक मूव करती रहती है. आस्ट्रेलिया के एक वैज्ञानिक ने इसका दावा किया है.

मौत के 1 साल बाद तक डेडबॉडी में होती रही मूवमेंट

रिसर्चर एलीसन विलसन ने 17 महीने तक एक डेडबॉडी पर रिसर्च की. 17 महीने तक डेडबॉडी की मूवमेंट को कैमरे में कैद किया जाता रहा. 17 महीने के बाद उन्होंने अपने रिसर्च पेपर के जरिए हैरान करने वाली जानकारी दी.

एलीसन विलसन और उनकी टीम ने एक डेडबॉडी पर रिसर्च करना शुरू किया. उनकी टीम ने दिनभर हर 30 मिनट पर डेडबॉडी की तस्वीर खींचनी शुरू की. वो बाद में उन तस्वीरों का मिलान करके देखते. ऐसा उन्होंने 17 महीनों तक किया. रिसर्च टीम ने कहा कि इस दौरान डेडबॉडी लगातार मूव करती रही.

रिसर्च टीम ने बताया कि इस दौरान हमने देखा कि शव का एक हाथ जो शरीर के नीचे था, धीरे-धीरे वो शरीर के ऊपर आ गया. रिसर्चर ने बताया कि डेडबॉडी में सबसे पहली हरकत उसके डिकंपोज होने के शुरुआती दौर में देखी गई. लेकिन उसके बाद भी डेडबॉडी में मूवमेंट जारी रही. जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली थी.

डेडबॉडी की सड़न से शुरू हुआ मूवमेंट
विलसन ने बताया कि पहले हमने सोचा कि डेडबॉडी में मूवमेंट सड़न उत्पन्न होने की वजह से हो रही है, सड़ने से लेकर डेडबॉडी के सूखने तक मूवमेंट होती है. विलसन ने एक सुनसान सी जगह पर डेडबॉडी रखी थी. उनकी टीम लगातार उस पर नजर रख रही थी.

शोधकर्ताओं ने बताया है कि इस शोध से मौत का वक्त पता लगाने में मदद मिलेगी. किसी अनजान शव के मिलने पर इस शोध के जरिए पुलिस को मामला सुलझाने में मदद मिलेगी.

मौत के बाद क्या होता है जैसे सवाल पर रिसर्च लगातार चलती रही है. माना जाता है कि मौत के बाद हमारा शरीर निर्जीव हो जाता है. हालांकि शरीर के अंग धीरे-धीरे मरते हैं. कई अंग मृत्यु के कई घंटे बाद तक काम करते रहते हैं.

मौत के कई घंटे बाद तक जिंदा रहते हैं शरीर के कुछ अंग
ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर्स कहते हैं कि मौत के बाद ट्रांसप्लांट करने वाले अंग को आधे घंटे के भीतर निकाल लेना चाहिए और छह घंटे के भीतर उसे दूसरे शरीर में ट्रांसप्लांट कर देना चाहिए. यानी दिल, गुर्दा और कलेजा जैसे अंग मौत के बाद भी 6 घंटे तक जीवित रहते हैं. मेडिकल साइंस इस बात को मानता है.

Dead bodies keep moving for more than a year after death research says

माना जाता है कि मौत के बाद शरीर की धड़कन बंद हो जाती है. मस्तिष्क तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है. अगले पांच मिनट में शरीर के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और कोशिकाएं मरने लगती हैं. इस स्थिति को ‘प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न’ कहते हैं. यानी इसके बाद शरीर जिंदा नहीं रहता.

मौत के कुछ घंटों तक अंगों के काम करने की बात तो समझ में आती है लेकिन मौत के एक साल तक डेडबॉडी में मूवमेंट की बात गले से नहीं उतरती. लेकिन रिसर्च के नतीजों से तो यही पता चलता है.

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