जम्मू—कश्मीर: पत्थरबाजों के गढ़ वोटिंग, चारों तरफ डर का माहौल

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में पांचवें चरण के मतदान से पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और शोपियां ज़िले में इस बार चारों तरफ डर का माहौल है। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने स्थानीय लोगों को धमकी दी है कि वे वोट न डालें। इसके अलावा यहां के स्थानीय लोगों से भी पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। दरअसल यहां के कई युवा पहले पत्थरबाज़ी में शामिल रहे हैं।

पुलवामा और शोपियां ज़िले अनंतनाग लोकसभा सीट का हिस्सा हैं. यहां 6 मई को वोटिंग होगी. चुनाव के इतिहास में ये पहला मौका है जब इस बार अनंतनाग में तीन चरणों में वोटिंग हो रही है. ये जम्मू का वो इलाका है जहां सबसे ज़्यादा हिंसा होती है. साथ ही इन इलाकों में आतंकी संगठनों का खौफ रहा है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इन इलाकों में वोटिंग कराना मुश्किल चुनौती है. चुनाव में कोई हिंसा न हो इसको देखते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि किसी नाबालिग को हिरासत में नहीं लिया गया है. अनंतनाग में पहले चरण में 13 फीसदी वोटिंग हुई. जबकि दूसरे फेज में सिर्फ 10 फीसदी लोगों ने वोट डाले. कहा जा रहा है कि अगले फेज में और भी कम वोटिंग हो सकती है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां कम वोटिंग चिंता की बात नहीं है, बल्कि हमें बिना हिंसा के चुनाव करवाने हैं. उन्होंने कहा, ‘यहां के युवाओं की आदत है पत्थरबाज़ी करना. ये चुनाव के दिन भी ऐसा ही करेंगे. इसलिए ये ज़रूरी है कि इन्हें हिरासत में रखा जाए.’

आतंकी संगठन हिज़बुल की धमकी के चलते भी इन इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आतंकी संगठन ने लोगों से चुनाव बहिष्कार करने के लिए कहा है और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो फिर इसके नतीजे उन्हें भुगतने पड़ेंगे. तीन मई से ही आस-पास के इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है.

इस बीच चुनाव आयोग ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पोलिंग का समय भी घटा दिया है. अब यहां शाम 6 बजे के बजाय 4 बजे ही वोटिंग खत्म हो जाएगी. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चुनाव अधिकारी को वापस जाने में दिक्कत न हो.

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