पहला इस्तीफा: गृहमंत्री अमित शाह ने की दिल्ली के एलजी अनिल बैजल से बात, दिए ये निर्देश

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को छात्रों पर भीड़ द्वारा हमला करने के मामले में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम.एस. रंधावा ने कहा, “हमने एक एफआईआर दर्ज की है।” जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। पुलिस के मुताबिक, जो वीडियो सामने आए हैं उनमें कुछ की पहचान की जा रही है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें भी की जा रही हैं। पुलिस अनुसार, अभी तक कुल 23 लोग घायल हैं उन्हें एम्स से रिलीज किया जा चुका है।

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के एलजी अनिल बैजल से इस बारे में बातचीत की है। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने उपराज्‍यपाल से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता करने को कहा है। जेएनयू में साबरमती हॉस्टल के वार्डन ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्‍तीफा देते हुए आर मीणा ने कहा, छात्रों की सुरक्षा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी थी और वह इसमें असफल रहे। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से जेएनयू में मौजूदा स्थिति और शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने कहा, गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की और जेएनयू में हिंसा के बारे में पूछा।

आपको बता दें कि JNU परिसर में रविवार की शाम फिर बवाल मचा. कुछ नकाबपोश हमलावरों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर साबरमती छात्रावास के छात्रों को निशाना बनाया. नकाबपोश पुरुषों और चेहरा ढकी महिलाओं ने छात्रावास के कमरे में तोड़फोड़ की और छात्रों की पिटाई की.

इस पूरे मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बीएसपी प्रमुख मायावती ने घटना को शर्मनाक बताया है. मायवती ने लिखा- JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निंदनीय व शर्मनाक. केंद्र सरकार को इस घटना को अति-गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की.

वहीं, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस पूरी घटना को लेकर केंद्र और पीएम मोदी पर हमला बोला है. कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, कि नकाबपोश लोग एक विश्व विद्यालय के विचार को नष्ट कर रहे हैं. चौकीदार शांत खड़ा देख रहा है.

सलमान खुर्शीद ने इस पूरे मामले पर कहा कि जब पता है कि अंदर नकाब पोश हैं तो पुलिस अंदर क्यों नहीं जा रही है. किसका इंतजार कर रही है. सारी व्यवस्था चरमरा गई है. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये सारे संस्थानों को नष्ट करना चाहती है. और जेएनयू पर इनका विशेष ध्यान है. यह दुखद है.

JNU हिंसा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरान ने कहा, ‘जांच शुरू हो चुकी है इसलिए अभी नहीं कुछ बोल सकती लेकिन यूनिवर्सिटी को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देना चाहिए. न ही छात्रों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.’

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