शिवसेना के मुंह पर लगा ताला: जिहादियों ने उद्धव ठाकरे की नाक के नीचे मांगी हिन्दुओं से आजादी, अभिनेत्री ने बुलाये गुंडे

मुंबई: सत्ता में आने के बाद शिवसेना पार्टी के अंदर से हिंदत्व ख़त्म हो गया है इसलिए शिवसेना ने वीर सावरकर के अपमान को सह लिया। कल मुंबई में इंडिया गेट पर जिहादियों और वामपंथी छात्रों और अन्य लोगों ने इकठ्ठा होकर हिन्दुओं से आजादी मांगी लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पुलिस हाथ पर हाथ धरे देखती रही।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून का विरोध समस्त जिहादी समाज कर रहा है। कई स्थानों पर जिहादी हिन्दुओं को मिटाने के भी नारे लगते हैं, कई स्थानों पर ये भी नारे लगे की – हिन्दुओं की कब्र खुदेगी AMU की छाती पर। AMU में तो पुलिस ने जिहादियों को सबक सिखा दिया लेकिन उद्धव ठाकरे के मुंह से अब तक हिन्दुओं के खिलाफ नारेबाजी पर एक भी शब्द नहीं निकले हैं।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी है। इससे पहले शिवसेना खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी बताती थी लेकिन हाथों में सत्ता आने के बाद शिवसेना ने गिरगिट की तरह रंग बदल लिया।

JNU कांड: अभिनेत्री आजादी गैंग की लीडर स्वरा भास्कर ने अपने गुंडों को भारी संख्या में बुलाया

नई दिल्ली: अभिनेत्री और आजादी गैंग की लीडर स्वरा भास्कर ने भी JNU हिंसा में घी डालने का काम किया। उन्होंने भी अपने गुंडों को भारी संख्या में पहुँचने की अपील की हालाँकि उन्होंने इस मामले में बिना सबूत के बजरंग दल का नाम लगा दिया।

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आपको बता दें दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार शाम को एक बार फिर हिंसा का मामला सामने आया, कुछ नकाबपोश छात्रों ने हॉकी और डंडे से छात्र-छत्राओं को पीटा, और पत्थरबाजी की, इस हमले में लेफ्ट गैंग की आइशी घोष के सिर में गंभीर चोट आई है, वहीँ एबीवीपी के भी कई छात्र गंभीर रूप से घायल हैं, हमले में 20 से अधिक छात्रों के घायल होने की खबर है।

जेएनयू में सबसे पहले लेफ्ट के वामपंथी छात्रों ने ही हिंसक प्रदर्शन शुरू किया, वैसे वामपंथी छात्र तो महीनों से हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन रविवार को कुछ ज्यादा ही बवाल हो गया, वामपंथी छात्र दिल्ली पुलिस का भी जमकर विरोध कर रहे थे, इसके बाद JNU के दूसरे छात्र संगठनों ने वामपंथी छात्रों की जमकर पिटाई की, उसके बाद वामपंथी छात्रों को दिल्ली पुलिस याद आई, दिल्ली पुलिस से गुहार लगा रहे थे की बचाओ, बचाओ। लेकिन बचाने वाला कोई नहीं आया।

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