कोहरे और ठिठुरनभरी सर्दी से होगा नये साल का स्वागत, बारिश की संभावना

नई दिल्ली। नये साल का स्वागत जबर्दस्त कोहरे और शीतलहर से होने की पूरी संभावना है। इसकी इसकी वजह कश्मीर में बर्फबारी और पश्चिम विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में बारिश होना माना जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग(IMD) के मुताबिक पश्चिम विक्षोभ अभी उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर सक्रिय है। इसके कारण देश के कई हिस्सों में सर्दी का असर कम हुआ है। लेकिन 24 और 26 दिसंबर को भी दो पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में प्रवेश करेंगे। इनके कारण उत्तरभारत के पहाड़ों पर जबर्दस्त बर्फबारी होने के आसार हैं। कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में गुरुवार को बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी इलाकों में बारिश शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई।

उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के विश्व प्रसिद्ध रिसॉर्ट गुलमर्ग में पारा शून्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात शून्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस नीचे था। प्रसिद्ध रिसॉर्ट के लिए यह सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जहां इस समय बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद हैं। हालांकि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बादल छाए रहने की संभावना है। कश्मीर में अधिक ऊंचाई वाले, मैदानी इलाकों में नहीं), कारगिल जिले (जोजिला-द्रास, पराचिक- पेनज़िला) में हल्की बर्फबारी की संभावना है।

Weather report, forecast of rain and snow due to western disturbance KPA
कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में गुरुवार को बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी इलाकों में बारिश शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई। कश्मीर घाटी के अधिकांश स्थानों पर तापमान शून्य से ऊपर दर्ज किया गया। बर्फबारी चलते बांदीपोरा-गुरेज़ मार्ग बंद करना पड़ा है। उत्तरी कश्मीर के कुछ हिस्सों में करीब 4 इंच बर्फबारी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि साधना चोटी पर 12 सेंटीमीटर, फुरकैन गली में 10 सेंटीमीटर और जेड गली में 10 सेंटीमीटर बर्फ जमी है।

कश्मीर वर्तमान में 40 दिनों की सबसे कठिन सर्दियां चल रही हैं। इसे स्थानीय रूप से ‘चिल्लई कलां’ कहते हैं। इसमें 20 दिनों तक चलने वाला ‘चिल्लई खुर्द’ और 10 दिनों तक चलने वाला ‘चिल्ला बच्चा’ होता है।

मौसम विभाग के मुताबिक पहला वेस्टर्न डिस्टर्बेंस 24 दिसंबर को और दूसरा 26 दिसंबर को प्रवेश करेगा। इसके असर से 24 से 29 दिसंबर के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा कुछ जगहों पर हो सकती है। बर्फबारी भी संभावित।

स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत के अनुसार पश्चिम विक्षोभ अगले आठ दिनों तक एक्टिव रहेगा। इससे दिल्ली में हल्की बारिश हो सकती है। जब इसका असर खत्म होगा, तो कोहरा बढ़ेगा। क्रिसमस तक कश्मीर घाटी और उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी होगी। इससे मैदानी राज्यों में शीतलहर चलती रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है, जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है।

जम्मू-कश्मीर में 26 से 28 दिसंबर तक बर्फबारी होने की संभावना है। गुरुवार और शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होने की संभावना है।

 

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