
यूनिक समय, नई दिल्ली। मोहिनी एकादशी का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है, जो इस बार 8 मई 2025 को है। आइए जानते हैं इस खास दिन व्रत और पूजा करने की सरल विधि।
व्रत और पूजा की विधि
- व्रत के दिन ताजगी के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मन को शुद्ध करें।
- अपने पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। गंगाजल से मूर्तियों का स्नान कराएं।
- भगवान विष्णु को पुष्प, तुलसी पत्तियां, मिठाई, पीले वस्त्र और फल अर्पित करें।
- घी, शंख, घंटी, दीपक, चंदन, नैवेद्य, पीला वस्त्र, रुई आदि का ध्यानपूर्वक संग्रह करें। इन सभी चीजों का व्रत में उपयोग करें।
- भगवान विष्णु को पंचामृत, फल और मिठाई का भोग अर्पित करें। साथ ही तुलसी दल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन व्रत कथा का पाठ भी करना जरूरी है। यह आपको धार्मिक लाभ और पुण्य प्रदान करेगा।
- पूजा के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें।
- दिन के समय सोने से बचें। प्रभु के ध्यान में मन लगाकर धार्मिक पुस्तकें पढ़ें।
व्रत का पारण
मोहिनी एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि की सुबह पारण करें। 2025 में यह पारण 9 मई को होगा। व्रत के दौरान अपनी मानसिक स्थिति को नियंत्रित रखें और नकारात्मक विचारों से बचने का प्रयास करें।
मोहिनी एकादशी का व्रत पुण्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि सही विधि से पूजा और व्रत किया जाए तो व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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