यूनिक समय, नई दिल्ली। सेहत के लिए हल्दी वाला दूध कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। अब इस आयुर्वेदिक औषधि को कोरोना वायरस के खिलाफ कारगार माना जा रहा है। कोरोना काल में अधिक संख्या में लोग आयुर्वेद पद्धति को अपना रहे हैं, जिसके चलते कई उपभोक्ता कंपनियां इन वैकल्पिक तरीकों की बढ़ती मांग को भुना रही हैं और वे हल्दी दूध और पवित्र तुलसी निर्मित चीजों को पैक उत्पादों में बदल रही हैं।
दिल्ली स्थित एक हाउसवाइफ शशि (50) ने कहा कि उन्होंने टीवी पर रामदेव बाबा की हर्बल ड्रिंक के विज्ञापन को देखा था। इसके बाद से वह उनका परिवार इसका सेवन कोरोना वायरस से बचाव में कर रहे हैं। आपको बता दें कि भारत में कोरोना के 80 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं।
प्राकृतिक उपचार मददगार
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बात के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि आयुर्वेदिक उपचार कोरोनो वायरस को रोक सकते हैं। आयुर्वेद व्यवसायी भासवती भट्टाचार्य ने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी और अन्य पारंपरिक उपचारों के कारण लोगों का रुझान प्राकृतिक उपचारों की ओर बढ़ रहा है।
आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद पर जताया भरोसा
उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद पांच हजार सालों से लिखा जा रहा है और लोग इस पर विश्वास करते हैं। प्लेग, चेचक और कई अन्य माहामारियों के बाद भी यह औषधि विज्ञान जीवित है। आपको बता दें कि आयुर्वेद में बढ़ती रुचि, संस्कृत में ‘जीवन का विज्ञान’ और अन्य उपचारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रोत्साहित किया है। जनवरी में आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी) ने भी कोरोना वायरस का मुकाबला करने के साधन के रूप में पारंपरिक उपचारों को अपनाया था।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी आयुर्वेद-योग अपनाने को कहा
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी हल्के कोविड-19 पीड़ितों के इलाज के लिए आयुर्वेद और योग के दिशानिर्देश जारी किए थे। आजकल केमिस्ट की दुकानों पर, आयुर्वेदिक उत्पादों को औषधीय दवाओं के रूप में प्रमुखता दी जाती है। वहीं, प्रमुख दुग्ध उत्पादक कंपनी मदर डेयरी ने कहा कि हाल ही में बच्चों के लिए लॉन्च किए गए हल्दी वाले दूध की मांग तेजी से बढ़ी है। मदर डेयरी के उत्पाद प्रमुख संजय शर्मा ने बताया कि हल्दी वाले दूध की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। इसलिए इसके उप्तादन में और बढ़ोतरी की जा रही है।
प्रतिरक्षा उत्पादों की मांग बढ़ी
हिमालय ड्रग कंपनी के मुख्य कार्यकारी फिलिप हैडन ने कहा कि प्रतिरक्षा उत्पादों की मांग महामारी से पहले की तुलना में 10 गुना अधिक बढ़ गई है। बता दें कि वैकल्पिक उपचारों की मांग ने भी विवादास्पद और छद्म वैज्ञानिक दावों को हवा दी है जो कोविड-19 के इलाज के दौरान देखने को मिला है। वहीं, दिल्ली में एम्स के कम्यूनिटी चिकित्सा के प्रोफेसर आनंद कृष्णन ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ कोई विशेष दवाई नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और हाथ धोने के उपायों का पालन करना फिलहाल बहुत जरूरी है।
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