यूनिक समय, नई दिल्ली। उम्र के साथ स्वस्थ वजन बनाए रखने का संघर्ष बढ़ता जाता है क्योंकि मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है और पहले की तरह काम नहीं करता है। मेटाबॉलिज्म एक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। उम्र बढ़ने के साथ ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत होती है। आहार से वजन और ब्लड शुगर के स्तर पर खासा प्रभाव पड़ता है, लेकिन नए शोध में सामने आया है कि केवल यही मायने नहीं रखता है कि आप क्या खा रहे हैं, बल्कि कब खा रहे हैं यह भी महत्वपूर्ण है। के अनुसार, खून में मौजूद शुगर या ग्लूकोस का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ने से डायबिटीज की समस्या हो सकती हैं खाना खाने से ग्लूकोस मिलता है और इंसुलिन नामक हार्मोन इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकाओं में पहुंचाने में मदद करता है, ताकि उन्हें एनर्जी मिल सके।
कई शोध इस विचार का समर्थन करते हैं कि व्यक्ति कब भोजन करता है यह उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आहार में उसने क्या शामिल किया है। एंडोक्राइन सोसाइटी के जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों से पता चला है कि रात में जल्दी खाने से ब्लड शुगर और फैट मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि रात का खाना देर से खाना वास्तव में वजन और ब्लड शुगर बढ़ने से जुड़ा है। अध्ययन के लिए 20 प्रतिभागियों को लिया गया था, जिसमें 10 पुरुष और 10 महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने पाया कि रात 10 बजे खाना खाने से प्रतिभागियों का मेटाबॉलिज्म कैसे प्रभावित होता है।
वहीं, शाम 6 बजे खाना खाने और रात को 11 बजे सोने चले जाने का क्या असर होता है। इन प्रतिभागियों के शरीर में पहले से फैट कम था। इस प्रयोग के दौरान उन्होंने अपनी नींद और हृदय गति जैसी चीजों की निगरानी के लिए ‘एक्टिविटी ट्रैकर्स’ को पहना था। निष्कर्षों की सटीकता के लिए उन्हें एक जैसा खाना खाने के लिए दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि देर रात खाना खाना हाई ब्लड शुगर और धीरे मेटाबॉलिज्म से जुड़ा था। नतीजों में बताया गया कि प्रतिभागियों के एक जैसा खाना खाने पर भी जल्दी खाना खाने वालों की तुलना में रात 10 बजे खाना खाने वालों में ब्लड शुगर का स्तर 20 प्रतिशत बढ़ गया, वहीं फैट कम होने में 10 प्रतिशत की कमी आई थी।
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