प्रमुख संवाददाता
मथुरा। योगी जी..कितना भी जोर लगा लो, लेकिन अधिकारी हो या अन्य दूसरे लोग सुधरेंगे अपने हिसाब से। यकीन नहीं हो रहा है कि किस बात का डर है। रानी की मंडी में रहने वाले सुभाष शर्मा की पत्नी रीना का दर्द सुन लीजिए। वह चाह रही थी कि उसकी गोदी में बच्चे की किलकारी गूंजेगी तो वह सुनेगी, किंतु हो उल्टा गया। इधर से उधर भागने के कारण गर्भ के अंदर ही बच्चा मर गया।
जानकारी के अनुसार नगर निगम के वार्ड 27 की रहने वाली रीना प्रेग्नेंट थी. उसे नवां माह चल रहा था। उसको कल दिक्कत हुई। वह जिला महिला अस्पताल दिखा कर आयी। बताते हैं कि डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड लिखा। वह कृष्णा नगर स्थित एक अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर पहुंची। स्टाफ ने मना कर दिया कि सील्ड क्षेत्र के लोगों की जांच नहीं होगी। वह महिला सीएमओ ऑफिस गयी। सीएमओ से मिलने नहीं दिया। अन्य डाक्टर पर्चे पर लिख कर दे दिया कि इनका अल्ट्रासाउंड कर दिया जाए। आज वह महिला दोबारा अल्ट्रासाउंड कराने वहीं गयी तो उन्होंने फिर मना कर दिया। अब उसकी वहीं पर तबियत खराब हो गयी और ब्लीडिंग शुरू हो गयी है। दर्द से कराह उठी। अब उसने एम्बुलेंस को फोन किया है। एम्बुलेंस नहीं आई। किसी तरह से फिर जिला अस्पताल पहुंंची। सीएमओ से बात की। रोहित शर्मा ने बताया कि नगर आयुक्त का फोन आया।
सीएमएस से क्या बात हुई। महिला को भर्ती कराया, किंतु मालूम पड़ा कि गर्भ में बच्चा मर गया। रोहित शर्मा ने सीएमओ से चार प्रश्न किए। पहला सील किए गए क्षेत्र के लिए क्या प्लानिंग की गई। दूसरा रानी की मंडी में एक अस्पताल है, उसे बंद क्यों नहीं किया। तीसरा कोरोना संक्रमण वाले क्षेत्र के लोगों की स्क्रीनिंग क्यों नहीं कराई गई। चौथा प्रश्न हॉस्पीटलों के लिए क्या गाइड लाइन बनाई गई।
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