मथुरा: पुलिस के खिलाफ वकीलों में गुस्सा

नामचीन ज्वैलर्स से चौथ वसूली मामले में अधिवक्ता को फर्जी रुप से फंसाने का मामला
यूनिक समय/मथुरा। शहर के एक नामचीन ज्वैलर्स से चौथ वसूली के मामले में अधिवक्ता राधाचरण कौशिक को फर्जी तरीके फंसाने को लेकर अधिवक्ताओं का गुस्सा उबल पड़ा। बार एसोसिएशन ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए सीजेएम एवं एसीजेएम की अदालत का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। गुरुवार को सभी अधिवक्ता के न्यायिक कार्य से विरत रहने की भी घोषणा की गई।
बौहरे कन्हैयालाल सभागार में हुई बार एसोसिएशन की बैठक में निर्णय लिया गया कि अग्रिम फैसले तक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ( सी जे एम) अंजू राजपूत और अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ( ए सी जे एम) प्रथम श्रीमती दीप्ति यादव की अदालत का बहिष्कार किया जाता है। कोई भी वकील इन अदालतों में कार्य करता पाया गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील शर्मा के मुताबिक एल्डर कमेटी (वरिष्ठ अधिवक्ता) के सदस्य ब्रज गोपाल शर्मा, संतोष शर्मा, आलोक सिंह, ठाकुर किशन सिंह, उमा कांत चतुर्वेदी एवं कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य नंदकिशोर उपमन्यु से सलाह मशविरा के उपरांत कड़ा फैसले लेने के लिए को बाध्य होना पड़ा है। उन्होंने बताया पुलिस प्रशासन को भी चेतावनी दी गई है कि भविष्य में किसी भी फर्जी मामले में यदि अधिवक्ता को फंसाया तो बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहें।
बैठक में सचिव सुनील चतुर्वेदी ने बताया कि स्थानांतरित जनपद न्यायाधीश साधना ठाकुर का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण न होने तथा सही कार्य को अंजाम न देने के कारण बार एसोसिएशन द्वारा उनका विदाई समारोह नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पुलिस ने होली गेट क्षेत्र स्थित  ज्वैलर्स के मालिक से चौथ वसूली मांगने के आरोप में अधिवक्ता राधा किशोर कौशिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। वकीलों का कहना था कि अपराधिक मामले में आरोपी वकील का कोई कसूर नहीं है। अदालत में हाजिर करने के दौरान काफी संख्या में वकीलों ने अपने तर्कों से जज को संतुष्ट करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अंतरिम जमानत खारिज कर दी। इस कारण वकीलों में पुलिस प्रशासन एवं जजों को लेकर गुस्सा पनप गया।

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