विकास दुबे आज सुबह उज्जैन से यूपी लाते वक्त पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इस घटना के बारे में अब लगातार नई जानकारियां आ रही हैं। इनमें से सबसे नई जानकारी यह निकलकर सामने आई है कि मीडिया की वो गाड़ियां जो एसटीएफ के काफिले के पीछे चल रही थीं, उन्हें घटनास्थल से 30-32 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था।
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बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन से जिस गाड़ी में लाया जा रहा था, झांसी के करीब आकर उसे दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया। हालांकि इसका कारण नहीं पता चल सका है कि ऐसा क्यों किया गया। विकास दुबे पहले टाटा सफारी में था, जबकि जबकी जो गाड़ी पलटी वो TUV300 थी। विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर देहात के बारा टोल प्लाजा पर पूरा ट्रैफिक रोक दिया गया। इसमें मीडिया की गाड़ियां भी थीं।
जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो पुलिस ने जवाब नहीं दिया सिर्फ मीडिया को वहीं रोक दिया। यहां से तीस से बत्तीस किमी दूर कानपुर के सचेंडी थाना इलाके में किसान नगर नहर के पास गाड़ी पलटने के बाद मुठभेड़ हुई, जिसमें विकास मारा गया।
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यह पूरी घटना पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है। सवाल है कि आखिर पुलिस ने मीडिया को बीच में क्यों रोका था। उसके कुछ देर बाद ही पुलिस की वो गाड़ी हादसे का शिकार कैसे हो गई जिसमें विकास दुबे था और फिर उसका एनकाउंटर भी हो गया।
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