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यूनिक समय, नई दिल्ली। रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के दौरान एक सालों पुरानी मस्जिद को मुस्लिम समुदाय की सहमति से हटाया गया। प्रशासन ने इस कदम को लेकर मस्जिद प्रबंधन और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के साथ विचार-विमर्श किया, जिसके बाद मस्जिद को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
नगर के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मस्जिद रैपिड रेल परियोजना की प्रगति में रुकावट पैदा कर रही थी, इसलिए इसे हटाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने मस्जिद के कुछ हिस्सों को गिराने के लिए हथौड़ों का इस्तेमाल किया और बाद में प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से पूरी संरचना को तोड़ दिया।
सिंह ने बताया कि यह कदम आपसी सहमति से उठाया गया था और मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद को हटाने की पहल की थी। उन्होंने कहा, “मस्जिद को हटाने के संबंध में कोई वैकल्पिक भूमि की मांग नहीं की गई है और न ही प्रशासन ने ऐसी कोई पेशकश की है।”
स्थानीय लोग इस मस्जिद की उम्र को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं, कुछ का कहना है कि यह 80 साल पुरानी है, जबकि कुछ का अनुमान है कि यह लगभग 168 साल पुरानी हो सकती है। मस्जिद के हटने के बाद पहली बार शुक्रवार की नमाज यहां नहीं हो पाई, क्योंकि प्रशासन ने पहले बिजली की आपूर्ति काट दी थी और मस्जिद का गेट हटा दिया था।
यह कदम रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए जरूरी था और मस्जिद प्रबंधन ने प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाया।
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