पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना हस्तलिखित इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करते हुए भेजा है।
चंडीगढ़। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने 10 जून को राहुल गांधी के नाम से त्याग पत्र भेजा था, जिसे उन्होंने आज ट्वीट कर सार्वजनिक किया। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि नहीं है। सीएमओ ने कहा कि ऐसा कोई त्याग पत्र नहीं मिला है। वहीं, सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट कर कहा है कि वह अपना इस्तीफा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंपेेंगे। एक माह पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके विभाग में बदलाव किया था। सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे, कैप्टन ने लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल मेंं बदलाव करते हुए उन्हें ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन सिद्धू इससे नाराज थे। उन्होंने अभी तक ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला था।
कैप्टन द्वारा मंत्रिमंडल में बदलाव से दो मंत्री खासेे नाराज थे। इसमें सिद्धू के अलावा ओपी सोनी शामिल थे। सोनी ने हालांकि कुछ दिन बाद ही कार्यभार संभाल लिया था, लेकिन सिद्धू को लेकर शुरू से असमंजस था। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 13 मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया था। इससे सबसे अधिक नाराज तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू और शिक्षा मंत्री ओपी सोनी हुए थे। बाकी मंत्रियों ने अपने-अपने नए विभाग की जिम्मेदारी संभाल ली थी, लेकिन एक माह से अधिक बीतने के बाद भी सिद्धू ने कार्यभार नहीं संभाला था। सिद्धू की नाराजगी सीधे मुख्यमंत्री से थी।
लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कैप्टन व सिद्धू में चल रहा है टकराव
यूं तो कैप्टन व सिद्धू के बीच लंबे समय से टकराव था, लेकिन लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में यह टकराव और बढ़ गया। बठिंडा रैली में सिद्धू ने सीएम पर निशाना साधा था, तो लोकसभा सभा चुनाव के बाद कैप्टन ने सिद्धू को नॉन परफार्मर मिनिस्टर कहकर उन पर निशाना साधा। कैप्टन के करीबी मंत्री भी सिद्धू पर आंखें तरेरे हुए थे।
कैप्टन ने शहरी इलाकों में हार के लिए सिद्धू को ठहराया था जिम्मेदार
लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में कांग्र्रेस को हुए नुकसान के लिए मुख्यमंत्री ने सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था। सिद्धू ने भी मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा था कि जालंधर, अमृतसर, पटियाला लुधियाना जैसे शहरों में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत हुई है। अन्य मंत्रियों ने भी सिद्धू पर निशाना साधा था। इसके बाद सिद्धू और उनकी पत्नी ने पलटवार किया था।
सिद्धू के कांग्रेस में भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू
नवजोत सिंह सिद्धू आमतौर पर राहुल गांधी के जरिए ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देते रहे हैं। जब उन्होंने विधानसभा चुनाव में यह कह दिया था कि उनके कैप्टन राहुल गांधी हैं, तो एक तरह से कैप्टन पर ही निशाना साधा गया था, लेकिन संसदीय चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने प्रधान बने रहने पर असहमति व्यक्त की है। ऐसे में सिद्धू जिस केंद्र से पावर ले रहे थे, वह ढीली पड़ गई है। ऐसे में कांग्रेस में उनका अब भविष्य क्या होगा? राजनीतिक हलकों में इसको लेकर चर्चा चल रही हैं।
सिद्धू ने कहा था- किसी व्यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति हूं जवाबदेह
अमरिंदर सिंह द्वारा सिद्धू को नॉन परफॉर्मर मिनिस्टर कहने पर सिद्धू ने अपने जवाब विभाग के कामकाज के आंकड़े देकर दिया, लेकिन दोनों के बीच दूरियां घटने के बजाय बढ़ती गई। नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा चुनाव में बठिंडा और गुरदासपुर सीटों सहित चार सीटों पर हार के लिए खुद को दोषी ठहराने का जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में शहरी सीटों पर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में मेरी और मेरे विभाग के कार्य प्रदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। मुख्यमंत्री ने मुझे पंजाब में दो जिलों की जिम्मेदारी दी थी और कांग्रेस ने इन दोनों जिलों में बड़ी जीत हासिल की।
नवजोत सिद्धू कहा था कि लोकसभा चुनाव और सरकार का कार्य एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन मेरा विभाग सार्वजनिक रूप से एकल हो गया है। व्यक्ति के पास चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता होनी चाहिए। बिना प्रमाण के मुझे दोषी नहीं ठहराया जा सकता या मुझ पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मैं खुद को सबित करने वाला और प्रदर्शन करके दिखाने वाला व्यक्ति हूं। मेरी निष्ठा पंजाब के लिए है और मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। मुझे अन्य बातों की कोई चिंता नहीं। सिद्धू ने कहा कि उन्हें जानबूझकर सिंगल आउट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी जवाबदेही जनता के प्रति है इसलिए वह अपने महकमे पर उठी अंगुली के बारे में सफाई जरूर देंगे क्योंकि उन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए गए हैं।
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