सांसद, विधायकों और पदाधिकारियों को दी जिम्मेदारी
मथुरा। भाजपा की नई नीति यदि कारगर हुई तो यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में विरोधियों को और भी परस्त कर सकती हैं। प्रधानमंत्री की मंशा है कि जो वर्ग भाजपा से अछूते हैं उनको पार्टी से जोड़ा जाये। कोई भी वर्ग व समाज वंचित नहीं रहे। इसीलिये भाजपा से अभी तक अधिकांशत: दूरी बनाये हुए मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने के कार्य में भाजपा जुट गई है। इसके लिए खास तोर पर कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसकी एक झलक सौंख में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में देखने को मिली। इसमें साफ संदेश दिया है इन क्षेत्रों जाकर उनकी समस्याओं को सुने और उनका निराकरण कराये।
अभी तक देखने में आ रहा था कि मुस्लिम भाजपा से दूर भाग रहे रहे थे। लेकिन तीन तलाक, अन्य सरकारी योजनाओं के सहारे मुस्लिम महिलायें जहां भाजपा की ओर आकर्षित हुई और हाल में हुए लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों के वोट भाजपा की तरफ गये। जिससे जाति वादी दलों को गहरा झटका लगा था। जब से देश की बागडोर दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को मिली है तब से शेष बचे मुस्लिम वर्ग को अपनी ओर करने के प्रयास में भाजपा जुट गई है। चुनाव में जीत के बाद लोकसभा में दिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में इसके संकेत मिल गये थे। अब भाजपा के केन्द्रीय व प्रादेशिक नेता भी मुस्लिमों को अपनी ओर करने के लिए अभियान चला रहे हैं इसके लिए पार्टी वर्कर को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऐसा ही नजारा जनपद के सौंख कस्बे में हुए भाजपा ब्रज क्षेत्र के प्रशिक्षण वर्ग में देखने को मिला। इसमें भाग लेने आये पार्टी के सभी मंत्री और विधायकों को पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने साफ संदेश दिया कि प्रदेश में कुछ ऐसे बूथों का चिन्हीकरण किया गया है जहां भाजपा कभी नहीं जीती। ये वो इलाके है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। मुस्लिम आबादी के बीच जाकर पार्टी की नीति रीति के बारे में बताये कि सबका साथ सबका विकास के लिए केन्द्र की मोदी और प्रदेश की मोदी सरकार काम कर रही है। मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ें।
प्रशिक्षण वर्ग में सर्वसमिति से फैसला लिया गया किलोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों का प्रदर्शन कमजोर रहा। उन इलाकों पर खास जोर दिया जाये। वहां समय समय पर कार्यक्रम कराए जाएंगे। संगठन और सरकार मिलकर काम करेंगी। लोगों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। प्रदेश में कुछ ऐसे बूथों का चिन्हीकरण किया गया है जहां भाजपा कभी नहीं जीती। ऐसे बूथ मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, गाजियाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर और कानपुर समेत कई जिलों में हैं। इन बूथों की जिम्मेदारी सांसद, मंत्री और विधायकों को सौंपी गई है।
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