लाली जन्म की आई प्रथम बधाई ,जन्मोत्सव आज

–बृषभान दुलारी के जन्म की बधाई लेकर बरसाना पहुंचे नन्दगाँव बासी
–श्रद्धालुओं ने चाव चढ़ाकर एक दूसरे को बांटी मिठाई
–नंदगाँव गोस्वामियों को बधाई के बदले मिले बधाई के लड्डू
सुमित श्रोत्रिय
बरसाना। में तो वेदन में सुन आई, कीरत ने कन्या जाई। मच रह्यो है हल्ला रानी कीरत ने कन्या जाई। राधा जन्म की सुन बृषभान महल की तरफ ब्रह्मा महेश देव किन्नर यशोदा नन्दबाबा नर नारी सभी बधाई देने दौड़े चले आये हैं। मंदिर में समाज का बधाई समाज का गायन हुआ। जमकर लाली जन्म पर श्रद्धालुओं ने ठुमके लगाए। बृषभान बाबा के आंगन से बधाई के बदले बधाई मिली। एक दूसरे को लाली जन्म की बधाई बांटी।
गुरुवार को बृषभान आंगन में लाली के जन्म सूचना जैसे नन्दघर पहुंचती है तो नन्द संग यशोदा मैया कान्हा को गोदी में लेकर बृषभान के आंगन में प्रथम बधाई लेकर आते हैं। इसी दौरान मंदिर परिसर में देश विदेश से अपनी आराध्या के जन्म दिवस पर तरह–तरह की मिठाई, खेल खिलौने, बस्त्र उपहार में सेवायत को श्री जी चरणों मे अर्पित करने को देते हैं। लाड़लीजी के पुजारी भी बधाई देने में कहाँ पीछे रहते वे भी बधाई के बदले बधाई श्रीजी के भक्तों को दे रहे थे। मंदिर परिसर में चौक में राधारानी के समक्ष नन्दगांव से प्रथम बधाई लेकर आये ब्राह्मण समाज के सैकड़ों बुजुर्ग व युवा बालक श्री जी के महल शाम को पांच बजे पहुंचते हैं। जहाँ पर दोनो गोस्वामी समाज के मुखिया के समक्ष बुजुर्ग समाजी का समधी के तरह मिलन होता है। इसके बाद मंदिर परिसर भक्ति काल के रसिक कवियों के जन्म बधाई के पदों का गायन का दौर एक घंटा तक चलता है। इसके बाद नंदगांव से बधाई लेकर आये सभी समाजियों को बधाई के बदले बधाई के लड्डू देकर विदा किया जाता है।
अहो बेटी भानगढ़ धरो सतीये
घर घर रखे गए सातीये
बरसाना। शगुन के रूप में माने जाने वाले सतीये राधाष्टमी पर श्री जी के धाम बरसाना में स्थित लाड़लीजी महल जो भानगढ़ के नाम से भी जाना जाता है। लाली जन्म की पुर्व संध्या पर सेवायत पुजारी की लड़की गाय के गोबर से सतीये रखती है।

राधाजन्म की जगह जगह हुए बधाई गायन
बरसाना। देश के कोने कोने से आये श्रद्धालुओं ने गेस्ट हाउस ,धर्मशाला, भंडारे वाली जगहों पर वाद्ययंत्रों के साथ रात्रिभर जगरण कर राधा जन्म की बधाइयों का गायन किया और जमकर थिरके श्रद्धालु।

कीर्ति मंदिर ने श्रद्धालुओं पहली बार में आकर्षित किया
बरसाना। गोलोकधाम वासी कृपालु महाराज के द्वारा स्थापित कीर्ति मंदिर राधाष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षित रहा। भक्त मंदिर की नक्काशी के साथ साज सज्जा एवं जगमगाती रोशनी में कीर्ति माता की गोदी में राधारानी के दर्शन कर आने आप को धन्य कर रहे थे।
राधाष्टमी महोत्सव पर श्रीजी के धाम बरसाना में देश विदेश से आये लाखों भक्तों ने राधारानी के निज महल के दर्शन व गहवर वन की परिक्रमा लगाने के बाद कीर्ति मंदिर की तरफ रुख किया जहां भक्तों ने मंदिर की नक्काशी के साथ आकर्षण विद्युत सजावट को देख अचंभित हो उठे और अपने साथ आये साथी से मंदिर बेजोड़ बनाबट की चार्ज जुबां पर करने लग जाते ।

ये मंदिर भी रहे आकर्षण का केंद्र
बरसाना। राधाष्टमी महोत्सव की पूर्व संध्या पर नगर के सभी छोटे बड़े बृषभान जी मंदिर, गोपालजी मंदिर, राममंदिर, बिलासगढ़,मोरकुटी,मानगढ़, दानगढ़ जयपुर मन्दिरों में सजावट कर राधाजन्मोत्सव की धूम मची रही।

श्रीजी का भक्त भूखा न रहे भंडारे लगा सजाये छप्पन व्यंजन
बरसाना। कोई भक्त भगवान भक्ति में लीन रहता है तो कोई भक्त भक्तों की सेवा कर अपने जीवन को सफल बनाने में लगा है। ऐसी ही वानगी राधजन्मोत्सव में शामिल होने आए देश विदेश के भक्तों को भोजन खिलाकर अपने को धन्य करने में लगे हैं।
गुरुवार को श्रीजी के धाम बरसाना में राधाष्टमी के मौके पर पंजाब , दिल्ली, हरियाणी ,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश मुंबई गुजरात तमिलनाडू से आये भक्तों की मंडली ने भंडारे लगाकर भोजन व्यवस्था की जिससे श्रीजी का कोई बक्त भूखा न रह जाये । उसके लिए भंडारों में सुबह दोपहर और रात्रि के भोजन की समस्त व्यवस्था की है। भक्तों की सेवा में लगे हजारों लोगों ने छप्पन तरह के व्यंजनों को
हाथों में प्लेट देकर खिलाया। राधाष्टमी की पुर्व सन्ध्या पर भंडारों में मिल रहे प्रसाद को श्रीजी के भक्तों ने जमकर कर खाया।

दो दर्जन बैरियरों नामक अवरोधों को पार कर नशीव हुए राधा रानी के दर्शन
बरसाना। श्रीजी के धाम बरसाना में राधाष्टमी महोत्सव में शरीक होने आए लाखों श्रद्धालुओं को राधा रानी के दर्शन दो दर्जन बैरियर नामक अबरोधों को पार कर धक्का खाते हुए राधारानी के दर्शन नशीब हो सके।

राधाष्टमी की पूर्व संध्या पर दुल्हन की तरह सजा बरसाना
बरसाना। राधाष्टमी महोत्सव की पूर्व संध्या पर लाड़लीजी मंदिर के साथ बस स्टैंड, पीलीकोठी तिराह ,पुराना बस स्टैंड सुदामा चौक,मेन बाजार, रंगीली गली को भव्य विद्युत सजावट से दुल्हन की तरह सजाया गया।

ब्रह्म्माचंल पर्वत पर राधे राधे……..
-राधे की मस्ती में मदमस्त हुए श्रद्धालु

बरसाना। राधे जूॅ के निज धाम बरसाना में मस्ती में मदस्त हुए श्रद्धालु राधे राधे के धून में सुध बुध खोकर नाचने को मजबूर हुए बृषभान नंदनी के भक्त। राधारानी के जन्मोत्सव की मस्ती में डूबा बरसाना। चाहुंओर बृषभान नंदनी के जयकारों से वतावरण गूंजयमान हो उठा।
ब्रज की अलोकिक भूमि श्रीधाम बरसाना में स्थित ब्रह्मगिरी पर्वत राधे राधे की जयघोष से गूंजयमान हो रहा था चारो तरफ लोग राधे की मस्ती में डूबे नजर आ रहे थे। बृषभान नंदनी की भक्ति में लीन श्रद्धालु उनके भजनों की धून पर थिरकते नजर आ रहे थे। लाडली के जन्मोत्सव की खुशी बरसाना सहित पूरे ब्रजमण्डल में मनाई जा रही है कृष्णा की प्रिये के जन्मदिन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से आये लाखो श्रद्धालु धराधाम बरसाना में राधे भक्ति में मदमस्त नजर आ रहा था। जिधर देखो उधर राधे ही राधे हो रही थी, श्रद्धालु मोह माया को छोड़कर कान्हा के ब्रज में उनकी आराध्या शक्ति राधा के जन्मोत्सव में भाग लेने आये है।

लाडली जी मन्दिर में बही भक्ति की रस धारा
-राधा के आगमन को उत्सुक देव गर्धव व ब्रजवासी

बरसाना। योगीश्वर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के आनंद अभी कुछ ही दिन हुए की उनकी प्राण प्रिये राधा के जन्मोत्सव में समूचा ब्रज भक्ति की रस धारा बहा रही है। लाडली के जन्मदिन पर उनके निज महल में भक्त आनंद की रस बर्षा में भाव विभोर नजर आ रहे थे।
बृषभानु बाबा व कीरत रानी की पुत्री राधा के जन्मोत्सव में समूचे ब्रजमंडल के साथ-साथ देव गर्धव भी हर्ष और उल्लास के साथ कन्हैया की प्राण प्रिय राधारानी के आगमन की खुशी में फूले नहीं समा रही है। सबसे बेसब्री से बृषभान नंदनी के आने का इंतजार है हर कोई उस दिव्य व अलोकिक शक्ति के दर्शन को उत्सुक हो रहा था जिसके दर्शन मिलने से मनुष्य भाव सागर से पार हो जाता है। वही लाडली के आगमन की खुशी में बरसानावासी पलके बिछाये हुए है। कस्बे के प्रसिद्ध लाडली जी मन्दिर में सुबह से लेकर रात्रि तक भक्ति की रस बर्षा हुई जिसमें डूबकी लगाने के लिए श्रद्धालु बेताब नजर आ रहा था। राधारानी की एक झलक के दर्शन करने के लिए उनके भक्त भीड़ के रेला की परवाह न करते हुए बस जुवान पर राधे राधे के जयकारे लगाते हुए भीड़े के समुद्र को पार कर रहे थे।

आज जन्मेंगी कृष्णा की राधा
-लाडली के आने की जश्न में डूबा बरसाना

बरसाना । दिव्य व अलोकिक जिस शक्ति के दर्शनों को देव गर्धव तथा मनुष्य सौ जन्म लेकर भी नही कर सकते है। उस परम मयी शक्ति श्रीराधारानी अपने भक्तों के विशुद्ध प्रेम को देखकर गोलोक से धराधाम बरसाना में अवतरिण हुई थी। राधा के अवतरिण होने पर वन उपवन, पक्षी चहक उठे तथा बागो में मुरझाये फूल खिल उठे। ऐसी पराशक्ति राधारानी आज अपने भक्तों के लिए फिर अवतरण होगी। राधा के अवतरण की खुशी में बरसाना के घर-घर में मंगल गीत गाए जा रहे थे।
सूर्यवंशी कुल में जन्में ब्रज के राजा बृषभानु व रानी कीरत के निज महल में आनंद व रस बर्षा से सम्पूर्ण वतावरण गूंजयमान हो रहा था। ब्रज के गोप गोपिकाएं लाडली की खुशी मंगल गीत गा रही थी। महल में देश देश के भिक्षुओं द्वारा बधाई गाई जा रही थी। आनंद व भक्ति की ऐसी रस बर्षा बरसाना में हो रही थी की जिसे देखने के लिए देवगण भी एक पल को देवलोक को छोड़ ब्रज में लालियात हो रहे थे। सबको इंतजर है उस पराशक्ति का जो चैसठ कलांओ से परिपूर्ण थी जिसकी कृपा से ब्रज का नटखट कन्हैया पूरे विश्व का श्रीकृष्ण बना था। कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति राधारानी के आगमन की खुशी ब्रजमंडल के साथ सम्पूर्ण विश्व हो रही थी। देव गर्धव भी आकाश में पुष्प लिए उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे जब कन्हैया की प्राण प्रिये का जन्म होगा। लाडली के जन्म से पहले ही उनके निज महल में भक्तों द्वारा बधाई प्रस्तुत कर मंगल गीत गा रहे थे तो वही ब्रज बरसाना के घर-घर में इस खुशी का ठिकाना नहीं था।

लाडली अद्भुत नजारा तेरे बरसाने में…………..
-राधा की भक्ति में खोये श्रद्धालु

बरसाना। धारा तो बह रही है श्रीराधा नाम की, हम हो गये दिवाने श्रीराधा नाम के, जी हां कुछ ऐसा ही माहौल नजर आ रहा था राधा के बरसाने का। जहां राधा नाम की धारा में उसके भक्त बहते नजर आ रहे थे। राधा की भक्ति में डूबे श्रद्धालु इतने आनंद के वशीभुत थे कि बस राधा नाम की रस बर्षा में भीगने को अतुर नजर आ रहे थे। बरसाना के तमाम मन्दिरों व धर्मशाओं में राधा की धारा प्रवाह बह रही थी, भक्त भक्ति में भाव विभोर होकर नाचने को मजबूर थे।
लाडली के जन्मोत्सव का आनंद इस कधर था की उसके भक्त बस राधा नाम की धारा में मदमस्त होकर नाच रहे थे। चाहुंओर लाडली के नाम के जयकारे लग रहे थे। श्रद्धालु अपनी आराध्य राधारानी के जन्मोत्सव की खुशी में आनंदित होकर भक्ति भाव में भाव विभोर हो रहे थे। भक्ति की ऐसी रस बर्षा बह रही थी बरसाना में एक पल को तो ऐसा लग रहा था की कही द्वापर में तो नहीं है। सब भक्तगण राधा की मस्ती में मदस्त होकर नाचते गाते उनके निज महल में जा रहे थे। राधा के जन्मोत्सव का आनंद लेने के लिए देश विदेश से आये लाखो श्रद्धालु राधा की भक्ति में डूबे नजर आ रहे थे। लाडली के आने की खुशी में पूरा ब्रजमंडल फूला नहीं समा रहा था। हर कोई लाडली के जन्मोत्सव के आनंद में भाग लेने के लिए आतुर नजर आ रहे थे।

चलें सब ग्वाल नर-नारी………………
बरसाना। जग उठे भाग्य अग-जगके परम आनंद है छायौ, श्यामकी आह्लादिनी राधा प्रकटका काल शुभ आया। परम ब्रह्म श्रीकृष्ण की परममयी शक्ति राधारानी के अवतरण के दौरान देव गर्धव आदि पुलंकित हो रहे थे । चारों तरफ खुशियों का माहौल आकाश में देवता दुन्दुभियां बजा रहे थे, तो ब्रजवासी बधाई गा रहे थे। बाबा बृषभान के द्वार दिव्य उत्सव हो रहे थे।
गोकलोक वासिनी बृषभान नंदनी जीव के कल्याण हेतु इस धराधाम पर अवतरिण हुई थी। राधा प्राकट्य होने से वन-उपवन महक उठे। बाबा बृषभान को लाली की बधाई देने के लिए देवताओं व ब्रजवासियों का बृषभान महल में तांता लग गया। ब्रज की आराध्य देवी राधारानी के दर्शन कर देवगण भी अपने आपकों कृतार्थ मान रहे थे। बज उठी देेव-दुन्दुभियां गान करने लगे किन्नर, सुर लगे पुष्प बरसानें अमित आनंद उरमें भर, ग्वालिनी-वेष धारणकर सुन्दरी चलीं सुर-जाया।

आज मनेगा वृषभनोत्सव, शाम को निकलेगी शोभायात्रा
बरसाना। गोलोक धाम वासिनी के अवतरण दिवस पर लाड़लीजी महल में बृषभानु बाबा के दरबार मे वृषभानोत्सव मनाया जाएगा। आज फिर एक बार नन्दगांव से लाली जन्म की बधाई आएगी।सुबह नो बजे से दोपहर दो बजे तक मंदिर में नन्दगांव बरसाना के गोस्वामी समाज के मध्य मंगल बधाई कस गायन किया जाएगा। तदोपरांत शाम पांच बजे राधारानी के विग्रह को डोला में विराजमान कर गर्भ गृह से बहार सफेद छतरी में विराजमान कर भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*