शौक की लहर: सपा के वरिष्ठ नेता का लखनऊ में निधन, शाम को होंगे सुपुर्दे खाक

सपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार में कई बार मंत्री रहे शाकिर अली (67) का लखनऊ के मेदांता अस्पताल में रविवार की रात को निधन हो गया। वे करीब एक माह से मेदांता में भर्ती थे। उनके निधन की खबर आते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई।

देवरिया के करजहां गांव के रहने वाले शाकिर अली ने बीएचयू से स्नातक किया। बनारस में भी वे सक्रिय रहे। वहां से लौटने के बाद क्षेत्र में सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने लगे। वे 1989 व 1991 में गौरीबाजार से निर्दल चुनाव लड़े। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में गौरीबाजार सीट बसपा के खाते में गई। श्री अली बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत गए। प्रदेश में सपा-बसपा की सरकार बनी। इसी सरकार में बाद में शाकिर अली शिक्षा मंत्री बने। गठबंधन टूटने व सरकार गिरने के बाद वे सपा में शामिल हो गए। उसके बाद से उन्होंने सपा में रहकर ही राजनीति की।

इस बीच 1996 के साथ ही वर्ष 2000 में गौरीबाजार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2002 में वे सपा के टिकट पर गौरीबाजार से दूसरी बार विधायक बने तथा सरकार में लघु सिंचाई मंत्री बने। 2007 में पराजित हो गए। इस बीच हुए परिसीमन में गौरीबाजार विधानसभा समाप्त हो गई। पथरदेवा विधानसभा बनी। 2012 में सूर्यप्रताप शाही को हराकर पथरदेवा से विधायक बने। हालांकि इस बार पार्टी ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया।

डायबिटीज के मरीज शाकिर अली किडनी की बीमारी से ग्रसित हो गए थे। तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था, जहाँ रात करीब 12 बजे उनका निधन हो गया। परिजनों के अनुसार 10 बजे तक उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव करजहाँ  पहुंचेगा। शाम को 4 बजे उन्हें पैतृक गांव में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

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