भाजपा के साथ शिवसेना का मोर्चा, कांग्रेस पर साधा निशाना

नयी दिल्ली| कांग्रेस सेवा दल की एक पुस्तक में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच कथित संबंध से जुड़े दावे को लेकर शिवसेना और भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि जिनके दिमाग में ‘गंदगी’ भरी है वो सावरकर की आलोचना करते हैं। दूसरी तरफ, भाजपा ने कांग्रेस से माफी की मांग की।
विवाद खड़ा होने के बाद कांग्रेस के फ्रंटल संगठन सेवा दल के प्रमुख लालजी देसाई ने कहा कि संगठन को सावरकर के ‘माफी मांगने और दो राष्ट्र के उनके सिद्धांत’ को लेकर आपत्ति है। देसाई ने यह भी कहा कि यह पुस्तक एक साल पहले की है और इसमें ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ नामक किताब का हवाला दिया गया है, इसी किताब के हवाले से उनहोंने कहा-‘सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे।’
शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई में कहा, ‘सावरकर महान थे और महान रहेंगे। जो उनकी आलोचना करते हैं उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है।’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस को मराठी लोगों और देश के सभी देशभक्तों को जवाब देना होगा कि वीर सावरकर के बलिदानों का अपमान कब तक जारी रहेगा।’ महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पुस्तक में की गई आपत्तिजनक बात के लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।
….‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ भी पढ़ लें : सुधांशु
भोपाल : कांग्रेस सेवा दल द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर सवाल उठाने वाली पुस्तिका वितरित किए जाने के एक दिन बाद भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उनसे कहा कि उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के बारे में जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़नी चाहिए। त्रिवेदी ने कहा, ‘….एक अन्य मिडनाइट बुक भी है। इसका नाम ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ है। उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) इसे भी पढ़ना चाहिए।….यदि हम चर्चा करेंगे कि ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ किताब में गांधी परिवार के बारे में क्या लिखा है, तो इससे समस्या पैदा हो जाएगी। इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।’ उन्होने कहा ‘मैं महात्मा गांधी एवं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायकों द्वारा लिखी गई किताबों के ‘कंटेंट’ के बारे में भी टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं भारत के अंतिम वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन के निजी जीवन के बारे में भी टिप्पणी नहीं करूंगा।’ त्रिवेदी ने दावा किया कि देश की आजादी के लिए हुए स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस नेता आराम से जेल में रहे, क्योंकि उन्होंने जेल में रहकर भी किताबें लिखीं, लेकिन सावरकर को कालापानी के सेलुलर जेल में कठोर कारावास का सामना करना पड़ा था।

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