मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के रास्ते अलग होने के बाद दोनों दलों ने यवतमाल स्थानीय निकाय संस्था सीट के लिए अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। तानाजी सांवत के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें शिवसेना के दुष्यंत चतुर्वेदी ने बीजेपी उम्मीदवार सुमित बाजोरिया को मात देकर यवतमाल स्थानीय निकाय संस्था सीट पर कब्जा जमाया।
दुष्यंत चतुर्वेदी 105 वोटों से जीत दर्ज की
शिवसेना उम्मीदवार दुष्यंत चतुर्वेदी ने यवतमाल सीट के लिए उपचुनाव में 290 मत हासिल किए जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 185 वोट मिले। इस तरह शिवसेना उम्मीदवार ने 105 वोटों से इस सीट पर चुनाव जीत लिया। वहीं, अन्य चार उम्मीदवारों को एक वोट भी ना मिला, जो कि सबसे अधिक हैरान करने वाला था। शून्य मत पाने वालों में दीपक नीलावार, संजय देवकर, शंकर बडे और श्रीकांत मुनगिनवार हैं।
कांग्रेस नेता सतीश चतुर्वेदी के बेटे हैं दुष्यंत
दरअसल, शुरु में दुष्यंत चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाए जाने पर शिवसेना के भीतर विरोध के स्वर उठने लगे थे। उनको उम्मीदवार बनाए जाने से कई स्थानीय नेता नाराज थे। ऐसी खबरें थीं कि शिवसेना सांसद भावना गवली और उद्धव ठाकरे कैबिनेट के एक मंत्री भी नाराज थे। लेकिन पार्टी ने उन्होंने आखिरकार मना लिया। दुष्यंत चतुर्वेदी कांग्रेस नेता सतीश चतुर्वेदी के बेटे हैं। उन्होंने कुछ महीने पहले ही शिवसेना का दामन थामा था।
तानाजी सांवत के इस्तीफे से खाली हुई थी सीट
यवतमाल सीट पर तानाजी सावंत ने विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराए गए। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच मनमुटाव सामने आया था जब शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया था। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को इस गठंबधन का नेता चुना गया और वे राज्य के मुख्यमंत्री बने।
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