नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने में मोदी सरकार के मददगार बने बीजू जनता दल के नेता और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एनआरसी पर पलटी मार ली है। उन्होंने देश भर में एनआरसी लागू करने का विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी नागरिकता संशोधन कानून का तो समर्थन करती है क्योंकि यह कानून सिर्फ विदेशियों पर लागू होता है, भारतीयों पर नहीं पर एनआरसी पर हमारा रुख उसके समर्थन का नहीं होगा। पटनायक ने कहा कि वैसे देश के लोगों को नागरिकता बिल को लेकर शांति बनाए रखनी चाहिए और अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। एनआरसी पर विरोध का झंडा उठाने वाले पटनायक देश के सातवें मुख्यमंत्री हो गए हैं।
एनआरसी का नहीं कर सकते समर्थन
पटनायक ने कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि संशोधित नागरिकता कानून का भारतीयों से कोई लेना देना नहीं है। इसलिए इससे घबराने की जरुरत नहीं है। यह सिर्फ विदेशियों पर लागू होने वाला कानून है। बीजद सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में साफ कर दिया था कि वह एनआरसी का समर्थन नहीं करते हैं।
सीएम पटनायक ने कहा कि हमने नागरिकता बिल का भले ही समर्थन किया है मगर हम एनआरसी पर यह रवैया नहीं अपनाने वाले हैं। हम इसका समर्थन नहीं करते। हाल में मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी को किसी सूरत में लागू नहीं करेगी।
लोगों ने किया था पटनायक से सवाल
इससे पहले ओडिशा के लोगों ने राजधानी में नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्ण रैली निकाली थी और मुख्यमंत्री पटनायक से सवाल पूछा था। उनका कहना था कि पटनायक संशोधित नागरिकता कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) पर बीजू जनता दल का रुख स्पष्ट करें। माना जा रहा है कि लोगों के सवाल के बाद एनआरसी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पटनायक ने एनआरसी को लेकर अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ किया है।
केन्द्र सरकार नहीं बना सकती दबाव
इस बीच बीजद सांसद पिनाकी मिश्र ने कहा कि एनआरसी में लोगों को निशाना बनाने की पूरी गुंजाइश है। एनआरसी के तहत किसी को भी अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुझे नागरिकता साबित करने के लिए कह दे तो यह मेरे लिए भी बहुत मुश्किल काम हो जाएगा क्योंकि मेरे पास जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर केन्द्र सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि वह राज्य सरकारों पर कोई दबाव नहीं बना सकती।
एनआरसी के खिलाफ हुए सात सीएम
पटनायक से पहले बिहार में भाजपा के सहयोगी दल जदयू के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एनआरसी पर रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। जदयू ने भी लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था।
नवीन पटनायक व नीतीश कुमार से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी.विजयन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एनआरसी को पूरे देश में लागू करने का विरोध किया है। दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और तेलंगाना की टीआरएस ने एनआरसी का विरोध किया है।
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