स्वानिधि स्कीमः अब घर पर भी ले सकेंगे स्ट्रीट फूड का मजा, सरकार ने Zomato, Swiggy से मिलाया हाथ!

मोदी सरकार ने रोडसाइड स्‍ट्रीट फूड वेंडर्स की मदद करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि यानि पीएम स्वानिधि स्कीम के तहत शहरी विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन फूड आर्डर और होम डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमाटो के साथ करार किया है। फूड एग्रीगेटर जोमाटो ने गुरुवार को योजना में साथ काम करने के लिए करार किया है। बता दें कि सरकार स्विगी के साथ पहले ही करार कर चुकी है।

स्‍ट्रीट फूड की होगी होम डिलिवरी
केंद्र सरकार और Swiggy, Zomato के बीच हुए करार के बाद स्ट्रीट वेंडर्स खाने पीने के सामान का ऑनलाइन ऑर्डर लेने के बाद होम डिलिवरी कर सकेंगे. इससे जहां एक तरफ मंदी की मार झेल रहे इस सेक्टर को जीवनदान मिलेगा. वहीं, स्ट्रीट फूड के शौकीन घर बैठे इनका स्‍वाद ले सकेंगे।

300 फूड वेंडर्स को मिलेगा फायदा
कोरोना संकट के कारण लाखों स्ट्रीट फूड वेंडरों का काम भी काफी मंदा पड़ गया है. जोमैटो ने कहा कि वह छह शहरों में 300 फूड वेंडर्स को ट्रेनिंग देने के साथ इस योजना की शुरुआत करेगी। योजना के शुरू होने से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

इन शहरों में शुरू होगी डिलीवरी
भोपाल, नागपुर, पटना, वडोदरा, नागपुर और लुधियाना की पहचान उन शहरों के रूप में की गई है, जहां इस योजना की शुरुआती होगी. पहले चरण के सफल होने के बाद जोमैटो इसे 125 शहरों में शुरू करेगी और पूरे भारत में स्‍ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रशिक्षण देगी।

स्वछता का रखा जाएगा पूरा ख्याल
इस समझौते के तहत जोमैटो इन स्‍ट्रीट वेंडर्स को फूड सेफ्टी और हाईजीन के बारे में प्रशिक्षित करेगी और उनके पैन कार्ड, एफएसएसएआई रजिस्‍ट्रेशन, फूड मेनू के डिजिटलीकरण और फूड प्राइस को फ‍िक्‍स करने में भी मदद करेगी।

पीएम स्‍वनिधि योजना में ले सकते हैं वर्किंग कैपिटल लोन
पीएम स्‍वनिधि योजना के तहत वेंडर 10,000 रुपये का कर्ज वर्किंग कैपिटल लोन के तौर पर ले सकते हैं. इसे 1 साल में मासिक किस्‍तों में चुकाना होगा। अगर समय पर कर्ज चुकाया जाता है तो वेंडर के बैंक खाते में सालाना 7 फीसदी सब्सिडी तिमाही आधार पर जमा कर दी जाएगी।

ये लोग ले सकते हैं लोन
इसके तहत ठेले वाले दुकानदार, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाओं को शामिल किया गया है. इसमें ठेले पर सब्जी, फल, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, दस्तकारी उत्पाद और किताबेंध्कॉपियां बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*