संवाददाता
यूनिक समय, वृंदावन। शरद पूर्णिमा पर सुबह श्वेत वस्त्र और मोर-मुकुट, कटि-काछनी और हीरे-मोती और जवाहरात का श्रृंगार कर अधरों पर मुरली धरे ठाकुर बांके बिहारी महाराज ने महारास की मुद्रा में दर्शन दिए तो भक्त भी आल्हादित हो उठे।
सालभर में एक ही दिन शरद पूर्णिमा पर ठा. बांकेबिहारी महारास की मुद्रा में बंशी बजाते नजर आए। मंदिर के जगमोहन में ठा. बांकेबिहारी महाराज ने दर्शन दिए तो आसमान से चंद्रमा की धवल रोशनी उनके ऊपर पड़ती नजर आई।
इस अद्भुत दर्शन का लाभ लेने को श्रद्धालु दिनभर उतावले रहेंगे। उधर, ठाकुर जी के दर्शन के साथ ही श्रद्धालुओं ने वृन्दावन धाम की परिक्रमा भी शुरू कर दी। दिल्ली और आसपास शहरों से भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे। श्रद्धालु भक्तों की भीड़ के कारण मंदिर से करीब आधा किलोमीटर तक लाइन लगी देखी गई। ठाकुरजी का श्वेत रंग का शृंगार के अलावा परदे समेत सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को भी सफेद रंग के ही गुब्बारे आदि से सजाया गया।
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