प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। बाजार में महंगाई डायन का बोलवाला, लेकिन हैरत की बात जिले के अधिकांश अफसरों को बाजार में बिकने वाले सामान के भाव नहीं मालूम। यह है कि कड़वी सच्चाई। ऐसी स्थिति में आम आम लोगों के दर्द का अहसास कैसे होगा। भले ही कोई भूखा रह जाए या फिर वह बिना सब्जी के रोटी खाकर सो जाए।
इस बात का रहस्योद्घाटन एक अफसर के घर पर काम करने वाले कर्मचारी की जुबान से हुआ। एक अफसर के यहां से कर्मचारी सामान खरीदने बाजार आया। उस सामान की कीमत पूछकर उसके पैरों से जमीन खिसक गई। कर्मचारी के मुंह से निकल रहे शब्दों को सुनकर पास में खड़ा एक व्यक्ति सुन रहा था। उसे लगा कि सामान खरीदने के लिए कोई और रुपये देता है। बेचारे कर्मचारियों को सामान पहुंचना होता है। यह तो एक बानगी सामने आयी। हो सकता है, कई और ऐसे अफसर होंगे, जिनके यहां इसी तरह सामान पहुंचता होगा। यदि अधिकारियों से बातचीत की जाए तो बाजार में कौन सा सामान, कौन से भाव बिक रहा है, शायद कुछ अफसर ही उत्तर दे पाएंगे। बाजार में सब्जियों के राजा आलू की कीमत किसी से छिपी नहीं है।
चटनी के काम आने वाला धनियां, प्याज और लहसुन की कीमत भी कम नहीं है। और तो और सब्जियों के छौंक में काम आने वाला सरसों का तेल भी अपने तेवर दिखा रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि अब त्यौहारी सीजन शुरु हो गया। बाजार में किस चीज के क्या दाम हैं। बड़े अफसरों को ग्राहक बनकर दुकानों पर जाना चाहिए। पता लगाना चाहिए कि महंगाई डायन किस तरह से लोगों की जिंदगी पर वार कर रही है।
Leave a Reply