पीएम मोदी ने जिन दो सीटों पर की थी मेगा रैली क्या वहा चला बीजेपी का जादू, ये है सच्चाई

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि भाजपा को मात्र 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। वहीं, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। साल 2015 में भी पार्टी को एक सीट भी नहीं मिली थी। बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता का वनवास खत्म करने की पूरी कोशिश की लेकिन इसके लिए पार्टी को 5 साल और इंतजार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई शीर्ष नेता और स्टार प्रचारकों ने दिल्ली में रैलियां की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। आइए, जानते हैं उन सीटों के नतीजे क्या रहे।

पीएम मोदी ने की थी दो रैलियां

पीएम मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी चरण में दो मेगा रैलियों को संबोधित किया था। इसके पहले, प्रचार की पूरी कमान अमित शाह के हाथों में रही थी और उन्होंने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कई रैलियां की थीं और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। कई भाजपा शासित राज्यों के सीएम भी दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे।

कड़कड़डूमा में की थी पहली रैली

प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी ग्राउंड में चुनावी रैली की थी। कड़कड़डूमा विश्वासनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। विश्वास नगर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार ओम प्रकाश शर्मा चुनाव मैदान में थे। पिछली बार भी वे इसी सीट से चुनाव जीते थे। वहीं, इस चुनाव में भी विश्वास नगर सीट पर ओम प्रकाश शर्मा ने अपना कब्जा बरकरार रखा। उन्होंने आम आदमी पार्टी के दीपक सिंघला को 16,165‬ वोटों से मात दी।

द्वारका में बीजेपी को मिली हार

बीजेपी पूर्वी दिल्ली की लक्ष्मी नगर और गांधी नगर सीट पर भी जीत दर्ज करने में कामयाब रही। जबकि, पीएम मोदी की दूसरी रैली द्वारका में हुई थी। द्वारका विधानसभा सीट के चुनावी नतीजों की बात करें तो आम आदमी पार्टी के विनय कुमार मिश्रा ने यहां से जीत दर्ज की। इस सीट पर बीजेपी प्रद्युमन राजपूत अपनी किस्मत आजमा रहे थे और उनको 56, 540 वोट मिले, जबकि विनय कुमार मिश्रा को 70, 954 वोट मिले। इस तरह इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को 14,414 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

पूर्वी दिल्ली में भाजपा को तीन सीटेंं

इस चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा को 2015 के चुनावों में केवल तीन सीटों पर जीत मिल सकी थी। पार्टी के कई शीर्ष नेता और केंद्रीय मंत्रियों ने दिल्ली में रैली-रोड शो किया। हालांकि, आम आदमी पार्टी की लहर के आगे बीजेपी केवल अपने आकंड़े को आठ तक ही ले जा सकी। पिछली बार मुस्तफाबाद सीट पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को अबकी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

8 सीटों पर मिली भाजपा को जीत

वहीं, रोहिणी से बीजेपी के नेता विजेंदर गुप्ता ने भी जीत दर्ज की। उन्होंने इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राजेश नामा बंसीवाला को हराया। जबकि गांधी नगर सीट से भाजपा के अनिल कुमार बाजपेयी ने जीत दर्ज की। लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से आप के नितिन त्यागी को बीजेपी के अभय वर्मा ने मात्र 880 वोट से हराया।

भाजपा ने बदरपुर सीट पर किया कब्जा

इसके अलावा करावल नगर से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने आप उम्मीदवार दुर्गेश पाठक को हराया। इस सीट से पहले कपिल मिश्रा विधायक थे जो अबकी बीजेपी के टिकट पर मॉडल टाउन से चुनाव लड़े थे, लेकिन उनको हार मिली। घोंडा विधानसभा सीट से बीजेपी के अजय महावर ने जीत दर्ज की। रोहतास नगर से भाजपा के जिंतेद्र महाजन ने जीत हासिल की। बदरपुर सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह बिधूरी ने आप उम्मीदवार राम सिंह नेताजी को 3719 वोटों से हराया।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन सीटों पर मिली जीत

रोहतास नगर, घोंडा और करावल नगर उत्तर पूर्वी दिल्ली का हिस्सा हैं, जिसका प्रतिनिधित्व दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी लोकसभा में करते हैं। इन तीनों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इसके अलावा दो अन्य सीटें, जहां भाजपा ने दिल्ली चुनाव में जीत दर्ज की, दक्षिणी दिल्ली अंतर्गत बदरपुर सीट और उत्तर पश्चिमी दिल्ली अंतर्गत रोहिणी सीट है। दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधुड़ी बीजेपी सांसद हैं, जबकि उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी के हंसराज हंस सांसद हैं।

इन सांसदों के क्षेत्र में बीजेपी को मिली मायूसी

वहीं, संसदीय क्षेत्र की बात करें तो प्रवेश वर्मा, हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी के क्षेत्र में भाजपा को कोई सफलता नहीं मिली। इन संसदीय क्षेत्रों की 30 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा जमाया। बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनावों में 3 सीटें मिली थीं, जिसमें इस बार 5 का इजाफा हुआ है। लेकिन पार्टी दहाई के आकंड़े तक नहीं पहुंच सकी।

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