मथुरा। भारतीय रेलवे तकनीकी तौर पर लंबी छलांग लगाने को तैयार है. केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन से पहले सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों को लॉन्च करने की तैयारी में है. यह ट्रेन राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों से भी ज्यादा स्पीड से चलेगी. T18 इसी कड़ी का एक हिस्सा है. ट्रेन का नाम T18 इसलिए रखा गया है क्योंकि भारतीय रेलवे इस ट्रेन को 2018 में लोगों के लिए चलाएगी आइये देखते हैं T18 के दमदार फीचर्स और एक्सक्लूसिव फीचर्स।
T18 ट्रेन पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना का हिस्सा है. यह ट्रेन आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री), चेन्नई में बन रही है. ISF का दावा है कि T18 ट्रेन, आयात किए जा रहे ट्रेन की कीमतों के आधे खर्च में बन रहा है.
पहली ट्रेन में 16 चेयरकार कोच (एग्जीक्यूटिव और नॉन एग्जीक्यूटिव) होंगे . ट्रेन में 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच और 2 एग्जीक्यूटिव कोच होंगे. एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्री बैठ सकेंगे और नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा होगी।
T18 ट्रेन स्टेनलेस स्टेल कार बॉडी पर बना होगा जिसका आधार डिजायन एलएचबी है. ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार पर टेस्ट की जाएगी. पारंपरिक ट्रेनों के विपरीत, T18 में लगातार खिड़कियां होंगी।
पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन में आरामदायक सीटें होंगी और बेहतरीन आंतरिक अंदरूनी प्रकाश रहेगी।
T18 ट्रेन में फ्री वाई-फाई और इंफोटेनमेंट दी जाएगी. यहां जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी होगी.
T18 ट्रेन में स्वचालित दरवाजे रहेंगे. स्वचालित दरवाजे के साथ स्लाइडिंग फूटस्टेप की सुविधा भी मिलेगी.
T18 ट्रेन के दरवाजे परस्पर स्वतः जुड़े रहेंगे. दरवाजे को जोड़ने वाले क्षेत्र लंबा-चौड़ा रहेगा.
यात्री सुविधाओं की बात करें तो T18 ट्रेन में हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श, सुधारित सौंदर्यशास्त्र के लिए रोलर अंधा और खिड़की से बेहतर दृश्य और निरंतर ऊर्जा-कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था शामिल है.
T18 ट्रेन जीरो डिस्चार्ज बायो-वैक्यूम शौचालय का दावा करती है.
मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच-फ्री बाथरूम होंगे.
T18 ट्रेन में सामान रखने वाला रैक ज्यादा बड़ा रहेगा, इस से यात्री अधिक सामान आसानी से रख सकेंगे.
T18 ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइविंग केबिन होंगे.
T18 ट्रेन के डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी – यह कदम विकलांग यात्रियों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
T18 ट्रेन में यात्रियों के लिए नवीनतम कोच होंगे जो बेहतर सुविधा देंगे. प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के परिप्रेक्ष्य में कई अन्य विशेषताएं जैसे बेहतर ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए वायुगतिकीय ड्रैग शामिल हैं.
एक लोकोमोटिव-हाउलेड ट्रेन के खिलाफ T18 ट्रेन का एक बड़ा फायदा यह है कि इस ट्रेन कोई इंजन रिवर्सल आवश्यकता नहीं है.
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