आज है एड्स डे: कोरोना काल में इससे बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली।  एड्स एक भयंकर बीमारी मानी जाती है WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 तक 3 करोड़ 80 लाख मरीज थे। हर साल एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एडेस डे मनाया जाता है। दुनियाभर में एड्स को भयंकर बीमारी मानी जाती है। इस महामारी के समय में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के चलते हमरे लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है।

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि एचआईवी और कोरोना किस तरह से अलग है? उन्होंने कहा, इसके लिए यह समझना जरूरी है कि दोनों संक्रमण एक-दूसरे से काफी अलग है। एचआईवी और कोरोना दोनों से हमारी इम्युनिटी को नुकसान पहुंचता है। एचआईवी के मरीजों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं। एचआईवी मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता हैं।

कोविड-19 (Covid-19) सिर्फ रेस्पिरेट्री इंफेक्शन नहीं है, इससे हमारी बॉडी मैकेनिज्म पर असर पड़ता है। यह हमारे ब्लड प्रेशर पर असर डालता है जिससे अन्य बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि आज तक किसी भी स्टडी में एचाईवी का किसी अन्य बीमारी से कोई संबंध नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा, कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनना, और डॉक्टर द्वारा दी गई सालह का सख्ती से पालन करना चाहिए।

एक्सपर्ट का कहना है कि एचआईवी (HIV) से बचने के लिए आपको कुछ चीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आज कल के युवाओं में टैटू, पीयर्सिंग कराने की क्रेज काफी बढ़ गया है। उन्हें टैटू या पीयर्सिंग कराने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अपने टैटू आर्टिस्ट से नई सुई का इस्तेमाल करने के लिए कहें, इस्तेमाल हुई सुई का अपयोग न करें।

सैलून में फ्रेश ब्लेड से दाढ़ी कटाए, यजूड ब्लेड का इस्तेमाल करने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

हालांकि एचआईवी का कोई इलाज नहीं है. स्वस्थ जीवन और हेल्दी लाइफस्टाइल इस बीमारी से बचने का उपाय

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