कल है ठाकुर बांकेबिहारी महाराज का प्राक्ट्योत्सव, जन्म दिन मनाने के लिए  मंदिर सजेगा रंग बिरंगे गुब्बारों से

महेश वार्ष्णेय
वृंदावन। ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज का प्राक्ट्योत्सव यानि कि जन्म दिवस विहार पंचमी ( आठ दिसंबर)  को मनाने की तैयारी पूरी हो गई हैै। ठाकुर बांकेबिहारी की प्राक्ट्य स्थली निधिवनराज से लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
मंदिर के सेवायत आनंद बिहारी गोस्वामी ने बताया कि आठ दिसंबर को मंदिर परिसर को रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया जाएगा। मंदिर परिसर में गुलाब, केसर और हिना के इत्र का छिड़काव किया जाएगा। प्राक्ट्योत्सव पर  ठाकुर बांकेबिहारी महाराज स्वर्ण रजत निर्मित पोशाक धारण करेंगे।

दिल्ली के विशेष कारीगरों द्वारा पोशाक तैयार की गई है। पोशाक के निर्माण में मोती, मूंगा, पन्ना आदि रत्नों की कारीगरी भी की गई हैं ठाकुरजी को पहनाए जाने वाले मुकुट, टिपारा, चंद्रिका, हार, कुंडल, बाजूबंद, कमरबंद सहित 16 वस्त्रों का निर्माण भी स्वर्ण रजत और विशेष रत्नों से किया गया है। इस पोशाक को धारण कर ठाकुरजी अपने भक्तों को दर्शन देंगे। उन्होंने बताया कि विहार पंचमी पर भी पंचगव्यों से ठाकुर बांकेबिहारी का होने वाले अभिषेक की तैयारियां पूरी कर लीं गईं हैं।  ठंड से बचाव के लिए इसी दिन से ही ठाकुरजी को चंदन के स्थान पर केसर लगाने का भी क्रम शुरू हो जाएगा। बताया कि संवत 1562 मार्गशीर्ष मास की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की संगीत साधना से प्रसन्न होकर ठाकुर बांकेबिहारी का निधिवन राज मंदिर से प्राकट्य हुआ। इस दिन को बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है। निधिवन राज मंदिर से स्वामी हरिदास प्रतीकात्मक रुप में बधाई देने के लिए ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर आएंगे। उनके चित्रपट को ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के साथ खड़ाकर भोग आरती के दर्शन होंगे।

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