हैदराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने यहां बुधवार को कहा कि तेलंगाना में उनका मुख्य प्रतिद्वंद्वी सौ साल से अधिक पुरानी कांग्रेस है, न कि भाजपा। रामा राव ने कहा कि चुनाव में दो-तीन विजय मिल जाने से जीत का नशा सिर पर नहीं चढ़ना चाहिये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास सौ साल से भी अधिक पुराना है और उसने कई उतार चढ़ाव देखे हैं इसलिए कांग्रेस को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह पूरी विनम्रता से यह बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा था कि वह निकाय चुनाव के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे। रेड्डी की इस टिप्पणी पर रामा राव की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर राव ने कहा कि रेड्डी के नेतृत्व में नहीं तो किसी और के नेतृत्व में लेकिन तेलंगाना में टीआरएस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस है।उन्होंने कहा कि भाजपा अभी अपने शैशवकाल से नहीं निकल पाई है और वह किस्मत से कभी-कभार लोकसभा सीटें जीत जाती है।
तेलंगाना भाजपा के मुख्य प्रवक्ता के कृष्ण सागर राव ने कहा कि राज्य में भाजपा के विस्तार को देखते हुए रामा राव ने अपने भीतर के डर को प्रकट करते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि टीआरएस को दो विधानसभा चुनावों में संयोग से जीत मिली थी क्योंकि पार्टी का कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं है जिससे चुनाव लड़ा और जीता जा सके। सागर राव ने कहा कि टीआरएस को चुनाव जीतने के लिए भावनात्मक क्षेत्रीय राजनीति और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का सहारा लेना पड़ा।
सागर राव ने कहा, “अगर टीआरएस के पिछले दो कार्यकाल के प्रदर्शन आधार पर चुनाव लड़ा जाए तो टीआरएस एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। तेलंगाना में भाजपा खुद को टीआरएस के विकल्प के रूप में एकमात्र पार्टी मानती है क्योंकि मतदाता कांग्रेस को बहुत पहले ही नकार चुके हैं और टीआरएस के कुशासन को अगले विधानसभा चुनाव में नकार देंगे।”
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