वैश्य समाज को चाहिए राजनीतिक भागीदारी: डा. सुमंत

महेश वार्ष्णेय
वृंदावन (मथुरा)। योगी राज श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की राष्ट्रीय एवं प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में कई राजनीतिक एवं सामाजिक प्रस्ताव पास किए गए।  सबसे अहम प्रस्ताव पास था वैश्य बाहुल्य 103 विधानसभा क्षेत्रों में वैश्य प्रत्याशी को उतारने का निर्णय।

अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमित गुप्ता ने कहा कि वैश्य समाज पैसा भी देता है और टैक्स भी देता है लेकिन उसको राजनीतिक भागीदारी नहीं मिल पाती। इस कारण वैश्य समाज आज अछूता है।  वैश्य समाज अब जाग चुका है।  2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वैश्य समाज की भागीदारी के लिए 12दिसंबर से मैनपुरी की धरती से राजनीतिक जन जागरण यात्रा निकाली जाएगी। वह16 जनवरी को लखनऊ में   वैश्य महाकुंभ के साथ समापन होगी। उन्होंने जीएसटी में संशोधित जैसी मांगें भी केंद्रीय राज्यमंत्री निरंजन ज्योति के सामने रखी।

केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि वैश्य समाज राजनीतिक भागीदारी के लिए एक प्रमुख समाज है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समाज का गौरव बताया। कहा कि वह समाज के ही व्यक्ति है  अब देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री महेश गुप्ता ने कहा कि वैश्य समाज उनके लिए सर्वोपरि है। वैश्य समाज के हर दुख सुख में उसके साथ में हैं। राष्ट्रीय प्रधान महासचिव विनय अग्रवाल ने कहा राजनीतिक भागीदारी के लिए वैश्य एकता परिषद आवाज बुलंद करने का कार्य करेगा।

अधिवेशन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री हरिओम अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन अग्रवाल, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल किशोर वार्ष्णेय, प्रदेश प्रधान महासचिव अमित वार्ष्णेय,  युवा इकाई के महासचिव लोकेश वार्ष्णेय, जिला अध्यक्ष अशोक खंडेलवाल, जिला महामंत्री ऋषि गुप्ता,युवा इकाई के जिला अध्यक्ष मुकेश गुप्ता महामंत्री अभिषेक जैन, महानगर के युवा इकाई के महामंत्री विशाल गुप्ता,महिला इकाई की जिला अध्यक्ष संगीता गोदानी, महामंत्री पायल सिंघल, महानगर महामंत्री लता अग्रवाल, अमृत लाल खंडेलवाल तथा महेश वार्ष्णेय आदि उपस्थित थे।

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