मुंबई। रामानंद सागर ने जो रामायण बनाई, उसको सालों तक दर्शकों ने याद रखा. लॉकडाउन के बाद इसको फिर से लोगों की भारी मांग के बाद शुरू किया गया। जो प्यार तब टीवी पर रामायण को मिला वो प्यार आज भी मिल रहा है. रामायण के दोबारा प्रसारण के बाद इसके पात्र फिर से चर्चा में आ गए और लोग ये जानने के लिए उत्सुक होने लगे कि आखिर अब वो कर क्या रहे हैं? ‘रामायण’ के ‘राम’ अरुण गोविल ने बीते दिनों ‘फिल्मफेयर’ को ट्विटर पर दिए एक इंटरव्यू दिया था. जिसके बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर उन्हें सम्मानित करने की मांग उठने लगी. रामायण के प्रेमियों ने मांग की कि सिर्फ राम ही नहीं अन्य कलाकारों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए. अब इस पूरे मामले में अरुण गोविल ने नया ट्वीट किया है।
सम्मान को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर हल्ला मचने के बाद अरुण गोविल (Arun Govil) ने हाल ही में एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा, ‘मेरा मंतव्य, प्रश्न का उत्तर देना था कोई अवॉर्ड पाने की आकांक्षा नहीं थी. हालांकि राजकीय सम्मान का अपना अस्तित्व होता है पर दर्शकों के प्यार से बड़ा कोई अवॉर्ड नहीं होता जो मुझे भरपूर मिला है. आप सभी के असीम प्रेम के लिए सप्रेम धन्यवाद.’ इस ट्वीट के साथ अरुण गोविल ने हाथ जोड़ने वाले इमोजी का भी इस्तेमाल किया है.
मेरा मंतव्य, प्रश्न का उत्तर देना था।कोई अवार्ड पाने की आकांक्षा नहीं थी।
हालाँकि राजकीय सम्मान का अपना अस्तित्व होता है पर दर्शकों के प्यार से बड़ा कोई अवार्ड नहीं होता जो मुझे भरपूर मिला है। आप सभी के असीम प्रेम के लिए सप्रेम धन्यवाद ????! #Ramayan #AwardforRamayan https://t.co/mBEC74tK43— Arun Govil (@arungovil12) April 27, 2020
मेरा मंतव्य, प्रश्न का उत्तर देना था।कोई अवार्ड पाने की आकांक्षा नहीं थी।
हालाँकि राजकीय सम्मान का अपना अस्तित्व होता है पर दर्शकों के प्यार से बड़ा कोई अवार्ड नहीं होता जो मुझे भरपूर मिला है। आप सभी के असीम प्रेम के लिए सप्रेम धन्यवाद
चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है. मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया. और यहाँ तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूँ, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।
दरअसल, फिल्मफेयर मैगजीन के पत्रकार द्वारा पूछे गए इस सवालों पर अरुण गोविल ने ट्विटर के जरिए खुलकर अपनी राय रखी थी. एक सवाल में उनसे पूछा गया था, ‘आपका योगदान अभिनय जगत में कमाल है, खासकर रामायण में, लेकिन आपको रामायण के लिए भी किसी पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया…?’
इस पर अरुण गोविल ने अपना दुख जाहिर करते हुए लिखा, ‘चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है. मैं उत्तर प्रदेश से हूं, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया. और यहां तक कि मैं 50 साल से मुंबई में हूं, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया.’
आपको बता दें कि निर्देशक रामानंद सागर की रामायण पूरे 33 साल बाद दूरदर्शन पर फिर से प्रसारित हो रही है. 33 साल पहले भी इस टीवी सीरियल ने सफलता के सारे पैमाने तोड़ दिए थे और आज एक बार फिर इस शो ने दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया है.
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