यूनिक समय, मथुरा। गरुड़ पुराण हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों में से एक है। आमतौर पर इसमें मृत्यु के बाद होने वाली घटनाओं के बारे में बताया गया है। साथ ही साथ इसमें लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी कुछ टिप्स भी बताई गई हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौन व्यक्ति सच बोल रहा है और कुछ झूठ, यह जानने के लिए शरीर से जुड़ी कुछ खास बातों पर गौर करना जरूरी है। इससे संबंधित एक श्लोक भी गरुड़ पुराण में बताया गया है।
श्लोक
अकारैरिंगितैर्गत्या चेष्टया भाषितेन च।
नेत्रवक्त्रविकाराभ्यां लक्ष्यतेन्र्गतं मन:।।
अर्थात- 1. शरीर के आकार, 2. संकेत, 3. गति, 4. चेष्टा, 5. वाणी, 6. नेत्र व 7. चेहरे की भावभंगिमाओं से किसी भी व्यक्ति के मन की बातें समझी जा सकती हैं।
शरीर का आकार- कद-काठी
जब आप किसी से बात कर रहे होते हैं और वो व्यक्ति आराम की मुद्रा में बैठा हो तो समझ जानिए वो आपको बातों को सीरियसली नहीं ले रहा और जब वह झूठ बोल रहा होता है तो उसके कंधे झुके हुए हो सकते हैं। इस तरह उसकी कद-काठी में अंतर देखा जा सकता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह व्यक्ति आपके बारे में या आप जिस विषय पर बात कर रहे हैं, के बारे में क्या सोच रहा है।
संकेत- शरीर से किए जा रहे इशारे
हर व्यक्ति का बात करने का अपना एक खास अंदाज होता है। जब वह सामान्य तरीके से किसी से बात करता है तो वो अपने खास अंदाज में ही बात करता है, लेकिन जब वह आपसे झूट बोलने की कोशिश करता है तो उस समय वह थोड़ा बैचेन हो सकता है और उसका खास अंदाज भी उस समय देखने को नहीं मिलता। इन बदलावों पर गौर करने से जाना जा सकता है कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।
गति- जल्दबाजी या शरीर की सुस्ती
हर व्यक्ति की बात करने की अपनी गति होती है, जिसमें वह धारा प्रवाह बोलता है। जब ऐसा व्यक्ति बात करते समय हड़बड़ाने लगे या उसकी बात करने की गति थोड़ी धीमी हो जाए तो इस बात से उसके सच या झूठ बोलने का अंदाजा लगाना बहुत ही आसान होता है।
चेष्टा यानी हरकतें
किसी से झूठ बोलते समय या कोई बात छिपाते समय शरीर की हरकतों में परिवर्तन देखने को मिलता है। ऐसे समय में व्यक्ति कुछ ऐसा कर सकता है जो आमतौर पर वह नहीं करता, यहीं उसकी गलती पकड़ी जा सकती है। इन बातों का समझना इतना भी आसान नहीं होता क्योंकि इसके पहले उस व्यक्ति के व्यवहार के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
वाणी-आवाज का उतार-चढ़ाव
कब तेज बोलना है कब धीरे, हर व्यक्ति में इतना सेंस नहीं होता। जब कोई व्यक्ति झूट बोल रहा होता है तो उसकी आवाज अचानक तेज हो जाती है ताकि वो अपना पक्ष जोरदार तरीके से आपके सामने रख सके। यही बात उसे असामान्य कर देती है। इस बात को समझकर आप जान सकते हैं कि वह सच बोल रहा है या झूठ?
आंखों की गति या हलचल
जब कोई व्यक्ति आपसे झूठ बोलने की कोशिश करता है तो अक्सर उसकी आंखें झुकी रहती हैं या फिर इधर-उधर देखने की कोशिश करता है, जबकि सच बोलने वाला व्यक्ति आपकी आंखों में आंखें डालकर बात करता है। ये छोटी सी बात आपको सच-झूठ का इशारा करने के लिए काफी है।
चेहरे के हावभाव
चेहरे की भावभंगिमा यानी एक्सप्रेशन आपके दिल की बात आसानी से आपकी पोल खोल सकती है। झूठ बोलने वाले के चेहरे पर घबराहट या डर जैसे भाव अपने आप ही आ जाते हैं। चेहरे की बदलती भावभंगिमा को समझकर आप जान सकते हैं कि वह व्यक्ति आपसे सच बोल रहा है या झूठ या फिर वह आपको लेकर कितना गंभीर है।
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