के.डी. डेंटल कॉलेज ने चलाया नशामुक्ति जागरूकता अभियान

मथुरा। समाज को नशे की लत से बचाने के लिए के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा जिला कारागार मथुरा सहित जनपद के लगभग एक दर्जन शैक्षिक संस्थानों में एक पखवाड़े तक नशामुक्ति जागरूकता अभियान चलाया गया। संस्थान के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने जिला कारागार मथुरा में कैदियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा एक धीमा जहर है जोकि इंसान के जीवन को मुश्किल में डालने के साथ ही उसके परिवार को आर्थिक तंगहाल बनाता है।

 


डॉ. लाहौरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि नशे का चलन युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में ले जा रहा है। आज की युवा पीढ़ी शराब, तम्बाकू, चरस, अफीम सहित अन्य नशीले पदार्थों का इस्तेमाल कर रही है। नशे की लत जहां युवाओं की तरक्की में बाधक है वहीं इससे व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक नुकसान भी होता है। नशे के चलते ही समाज में अपराधों में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है।

जिला कारागार में डॉ. उपेन्द्र पाल सिंह सोलंकी और जेल अधीक्षक बृजेश कुमार आदि ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक नशे की शुरुआत शौक से होती है, यही शौक बाद में लत बन जाती है। जिला कारागार में डॉ. मनेष लाहौरी, डॉ. उपेन्द्र पाल सिंह सोलंकी, जेल अधीक्षक बृजेश कुमार, जेलर महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर अनूप कुमार, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. मनीष भल्ला आदि ने कैदियों से नशा न करने का आह्वान किया।

के.डी. डेंटल कॉलेज के चिकित्सकों और छात्र-छात्राओं द्वारा लगभग एक पखवाड़े तक नशा विरोधी जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में जिला कारागार के अलावा राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, राजीव इंटरनेशनल स्कूल आदि में छात्र-छात्राओं को नशे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। नशामुक्ति पखवाड़े में के.डी. डेंटल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने रैली, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से नशे रूपी जहर को समाज से समाप्त करने का आह्वान किया।

नशामुक्ति अभियान में वक्ताओं का कहना था कि नशे की लत बहुत बुरी चीज है। यह खुद को तो नुकसान पहुंचाती ही है, साथ ही परिवार और करीबियों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। वक्ताओं ने बताया कि विकासशील देशों के मुकाबले विकसित देशों में ड्रग्स का उपयोग ज्यादा हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि किसी भी लत का कोई भी रामबाण इलाज नहीं होता लेकिन हर नशे या लत से छुटकारा पाया जा सकता है। एक पखवाड़े तक चलाए गए नशामुक्ति अभियान में डॉ. उपेन्द्र पाल सिंह सोलंकी, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, फार्मासिस्ट सुभाष चंद्र द्विवेदी, लेखाकार सी.एम. तिवारी, करुणेश, शिवानी देवी आदि का सराहनीय योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः जिला कारागार मथुरा में कैदियों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए वक्ता।

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