रॉबर्ट फिको का झुकाव वामपंथी विचारधारा की तरफ है और उन्हें रूस समर्थक नेता माना जाता है। बीते साल ही रॉबर्ट फिको स्लोवाकिया के पीएम चुने गए और यह उनका बतौर पीएम चौथा कार्यकाल है।
विस्तार
स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर हुए जानलेवा हमले की खबर पर पीएम मोदी ने दुख जताया और इसे हमले के कायरतापूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की। बुधवार को एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको को कई गोलियां मारी गईं, जिसने इस छोटे से देश को झकझोरकर रख दिया और पूरे यूरोप में इसकी गूंज सुनाई दी।
पीेएम मोदी ने रॉबर्ट फिको पर हमले पर जताया दुख
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा ‘स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर हुई गोलीबारी की खबर से गहरा सदमा पहुंचा। मैं इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करता हूं और पीएम फिको के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस मुश्किल समय में भारत स्लोवाकिया के लोगों के साथ खड़ा है।’ खबर के अनुसार, रॉबर्ट फिको बुधवार को स्लोवाकिया के शहर हैंडलोवा में अपने समर्थकों से मिल रहे थे। इसी दौरान हमलावर ने रॉबर्ट फिको को करीब से पांच गोलियां मार दी। इस हमले में रॉबर्ट फिको गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। वहीं प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने मौके से ही आरोपी हमलावर को पकड़ लिया, जिसकी पहचान जुराज सिनटुला (71 वर्षीय) के रूप में हुई है। आरोपी एक कवि है और बताया जा रहा है कि वह, रॉबर्ट फिको की नीतियों से नाराज था और इसी के चलते उसने फिको पर हमला किया।
कौन हैं रॉबर्ट फिको
रॉबर्ट फिको का जन्म साल 1964 में हुआ और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत स्लोवाकिया की आजादी के बाद कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य के तौर पर की। रॉबर्ट फिको के पास कानूनी की डिग्री है और उन्हें वकालत का लंबा अनुभव है। स्लोवाकिया की राजनीति में रॉबर्ट फिको एक बड़ा नाम हैं। रॉबर्ट फिको ने साल 1992 में स्लोवाकिया की संसद का चुनाव लड़ा और साल 1999 में वह स्मेर (डायरेक्शन) पार्टी के अध्यक्ष बन गए थे। रॉबर्ट फिको का झुकाव वामपंथी विचारधारा की तरफ है और उन्हें रूस समर्थक नेता माना जाता है। बीते साल ही रॉबर्ट फिको स्लोवाकिया के पीएम चुने गए और यह उनका बतौर पीएम चौथा कार्यकाल है। रॉबर्ट फिको ने यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर अमेरिका और नाटो देशों के रुख की आलोचना भी की थी, जिसके चलते उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।
Leave a Reply