लखनऊ/भोपाल। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में खाद नहीं मिलने से किसान बुरी तरह परेशान हैं। हालात इतने खराब हैं कि सुबह से लाइन में लगने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। ऐसे में यूपी के लखनऊ से लेकर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ तक नाराज किसान हंगामा कर रहे हैं। किसानों को डर है कि अगर खाद नहीं मिला तो उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी। सहकारी केंद्रों के बाहर किसानों की लंबी-लंबी कतारें नजर आ रही हैं। किसानों का आरोप है कि समिति के बाबू खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं, और यही वजह है कि दिन भर इंतजार करने के बाद भी एक बोरी खाद नसीब नहीं हो पा रही है।
यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज में स्थित असलम नगर की सहकारी समिति में खाद लेने पहुंचे किसानों जमकर हंगामा किया। नाराज किसान समिति के सदस्यों और बाबुओं पर कालाबाजारी का आरोप लगा रहे हैं। नगराम में तो किसानों ने सहकारी केंद्र पर इतना हंगामा किया कि इसे बंद करना पड़ा। दरअसल, इस केंद्र में 300 बोरी खाद करीब एक हफ्ते बाद आई थी और इसे लेने वाले करीब 1200 किसान थे। बता दें कि यूपी में 90 लाख मेट्रिक टन DAP की जरूरत है लेकिन अभी लगभग 40 मेट्रिक टन ही उपलब्ध है। खाद की कमी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है । समाजवादी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी सरकार में किसान परेशान है।
किसानों का कहना है कि इस समय गेहूं, सरसों और आलू की बुआई का सीजन है। उनका कहना है कि सबको खाद चाहिए, लेकिन उतनी मात्रा में खाद मिल नहीं रहा, जितनी जरूरत है। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में भी खाद की किल्लत से जुझ रहे किसानों ने हंगामा किया। टीकमगढ़ जिले के पलेरा नगर में सहकारी केंद्र पर लंबे समय से खाद नहीं मिलने पर किसान परेशान हैं, और सोमवार को उनकी नाराजगी हंगामे में बदल गई। किसानों का आरोप है कि वह कई दिनों से परेशान हो रहे हैं लेकिन उनको समय पर खाद नहीं मिल रही है जिससे बुवाई नहीं हो पा रही है।
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