यूनिक समय ,नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में मथुरा-बरेली हाईवे पर गांव जैतपुर के पास तेज रफ्तार पर एक गड्ढे को बचाने की कोशिश में टाटा मैजिक वाहन केंटर से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहन सड़क किनारे जाकर पलट गए। हादसे में साढ़े तीन माह के मासूम व तीन महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई।
हाथरस में हादसे का शिकार हुए टाटा मैजिक की क्षमता आठ सवारियों की थी, लेकिन हादसे के समय उसमें 20 सवारियां भरीं थीं। अगर कुल सवारों की बात करें तो चालक समेत 21 लोग थे। स्थिति यह थी कि चालक वाली सीट पर भी सवारियां थीं। ऐसे में चालक को भी बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रफ्तार भी तेज थी। दरअसल हाथरस से सिकंदराराऊ तक चलने वालीं यह सवारियां ढोने वाली टाटा मैजिक नंबर के साथ दौड़ती हैं। कहीं दूसरी टाटा मैजिक पहले न पहुंच जाए इसलिए अंधाधुंध रफ्तार के साथ गाडि़यों को दौड़ाते हैं। इससे हादसे हो रहे हैं।
हादसे का शिकार होने वाली टाटा मैजिक को आरटीओ आफिस से जो परमिट मिला है वह केवल 8 सवारियों का है। लेकिन सवारियां 20 भर दी गईं। खास बात यह है कि इस टाटा मैजिक द्वारा सुबह से सवारियां ढोई जा रही थीं लेकिन पुलिस का ध्यान नहीं गया। जबकि कई थाने और चौकियां रास्ते में पड़ीं। अगर पुलिस ने रोक लिया होता तो शायद यह हादसा न हुआ होता। जगह जगह गाडि़यां लगाकर चेकिंग करने वाली आरटीओ की टीम को क्षमता से अधिक सवारियां ढोने वाले वाहन नजर नहीं आते हैं। लोगों का कहना है कि टाटा मैजिक की रफ्तार तेज थी। वह गाड़ी को कंट्रोल कर ही नहीं पाया।
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