
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में श्रीबांके बिहारी मंदिर के निकट प्रस्तावित कॉरिडोर परियोजना से न केवल धार्मिक स्वरूप को नई पहचान मिलेगी, बल्कि ब्रज क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन में भी बड़ा बदलाव आएगा। इस परियोजना के पूर्ण होते ही श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यापार को भी गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार की गई इस विस्तृत योजना के तहत न केवल मंदिर के आसपास के क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा, बल्कि यमुना नदी के प्राचीन घाट, परिक्रमा मार्ग, वन-उपवन और कई जनसुविधाओं का भी विस्तार होगा। इससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ ही आधुनिक सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।
कॉरिडोर के ठीक सामने यमुना नदी पर एक भव्य ‘सिग्नेचर ब्रज’ का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे वृंदावन में यातायात व्यवस्था को बेहतर किया जा सकेगा। इसके अलावा यमुना रिवर फ्रंट को भी विकसित किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा।
वृंदावन की परिक्रमा को सुगम और भव्य बनाने के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। गोवर्धन, राधाकुंड, बरसाना, नंदगांव और गोकुल जैसे पौराणिक स्थलों को भी पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता से जोड़ा जाएगा।
जिला प्रशासन का अनुमान है कि श्रीबांके बिहारी कॉरिडोर बनने के बाद मथुरा-वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो सकती है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में मथुरा जनपद में लगभग 21.96 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, जिनमें से 2.55 करोड़ श्रद्धालु अकेले वृंदावन में श्रीबांके बिहारी मंदिर के दर्शन के लिए आए। इनमें लगभग 70 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।
स्थानीय व्यापारियों और अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही तीर्थ पर्यटन में एक बड़ा बदलाव लाएगी। जिस प्रकार वाराणसी में सुविधाओं के विस्तार से श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, उसी प्रकार वृंदावन में भी धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।
इस विकास कार्य के साथ वृंदावन एक बार फिर अपनी आध्यात्मिक गरिमा को संजोते हुए देश-विदेश के भक्तों के लिए और भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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