
यूनिक समय, मथुरा। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को ट्रस्ट के अधीन लाने के प्रस्ताव का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में मंदिर के सेवायत आनंद बल्लभ गोस्वामी के नेतृत्व में एक दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नंदगांव स्थित नंद बाबा मंदिर पहुंचा। उनका उद्देश्य स्थानीय गोस्वामियों से समर्थन प्राप्त करना था।
प्रतिनिधिमंडल ने एकादशी के अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में भाग लिया, जहां बरसाना और नंदगांव के गोस्वामियों को संबोधित करते हुए आनंद बल्लभ गोस्वामी ने कहा कि यह प्रस्ताव ब्रज क्षेत्र के ब्राह्मणों के अस्तित्व के लिए खतरा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब विरोध नहीं किया गया, तो आने वाले समय में मथुरा, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल, महावन और बलदेव जैसे पवित्र तीर्थस्थलों के मंदिर भी सरकारी नियंत्रण में आ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि वृंदावन में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्रज क्षेत्र के ब्राह्मणों और गोस्वामियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है। गोस्वामी ने स्पष्ट किया कि वे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं चाहते हैं, लेकिन सरकार द्वारा प्रस्तावित ट्रस्ट प्रणाली को वे स्वीकार नहीं कर सकते।
बरसाना मंदिर के सेवायत भगवान दास गोस्वामी ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें जनप्रतिनिधियों से विरोध की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है। नंदगांव के पूर्व चेयरमैन और नंद बाबा मंदिर के सेवायत ताराचंद गोस्वामी ने तीखे स्वर में कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जनता की आवाज अनसुनी की गई, तो भाजपा को कांग्रेस जैसा हश्र झेलना पड़ सकता है।
इस अवसर पर वृंदावन, बरसाना और नंदगांव के अनेक प्रमुख सेवायत और गोस्वामी उपस्थित थे, जिनमें सामलिया गोस्वामी, बच्चू गोस्वामी, नितन गोस्वामी, कृष्णानंद भट्ट सूसठ महाराज, कृष्ण गोपाल पीयूष, रामभरोसे गोस्वामी, तुलसीराम गोस्वामी, नृत्यगोपाल गोस्वामी लाला, रमेश चंद्र गोस्वामी, राधारमण गोस्वामी, मुरलीधर गोस्वामी और अन्य कई विद्वान शामिल थे।
जल्द ही वृंदावन में ब्रज विप्र समाज की एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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