नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक तरफ जहां फेसबुक और वॉट्सऐप फर्जी फोटो और फर्जी ख़बरों पर रोक लगाने के लिए नए-नए फीचर ला रहे हैं तो वहीं अब ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। यूट्यूब ने ऐलान करते हुए कहा है कि अगर किसी कॉन्टेंट के लिए सरकार उसकी फंडिंग करती है तो उसकी जानकारी यूट्यूब अपने इनबॉक्स में देगा. ऐसे में माना जा रहा है कि यूट्यूब ने यह कदम लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
दरअसल, YouTube के निदेशक टिम काट्ज ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, ‘‘हमारा मकसद यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा सूचना प्रदान करना है, जिससे वे जो कुछ यूट्यूब पर देखने जा रहे हैं, उस समाचार के स्रोत के बारे में समझ सकें.’’ ऐसे में हम सभी कॉन्टेंट के लिए सरकार ने उसकी कितनी फंडिंग की है उसकी जानकारी हम इनबॉक्स में देंगे. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि ये जानकारी अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उपलब्ध होगी। वहीं काट्ज ने ये भी कहा है कि अगर किसी चैनल का मालिकाना हक़ ऐसे लोगों के पास है, जिसकी फंडिंग सरकार ने की है, तो उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी. पैनल बताएगा कि इसके लिए पूरी या आंशिक फंडिंग सरकार ने की है या सार्वजनिक प्रसारण सेवा है. इसके अलावा उसका लिंक विकिपीडिया पेज पर दिया जाएगा.
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